शैलेश सिंहबैरिया, बलिया । रानीगंज बाजार में मेडिकल की आड़ में चल रहे नर्सिंग होम के खिलाफ थाने पहुचे ग्रामीण। गौरतलब है कि धनंजय गोंड पुत्र विपिन गोंड मधुबनी निवासी की पत्नी गर्भवती थी जिसकी देख रेख उन्ही की गांव की आशा बहु चंदा वर्मा कर रही थी। जब धनंजय गोंड की पत्नी पिंकी देवी के डिलीवरी का समय आया तो आशा बहु ने उनको निजी नर्सिंग होम ले गयी जहाँ पिंकी देवी ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। जन्म के एक दिन बाद उनका एक लड़के और उसके दूसरे दिन दूसरे लड़के की मृत्यु हो गयी। घर वालो का आरोप है कि थोड़े से कमीशन के लिए आशा बहु ने सरकारी अस्पताल में न ले जाकर निजी नर्सिंग होम में ले गयी जिनकी लापरवाही की वजह से मेरे बच्चों की जान चली गयी, पत्नी की भी हालत नाजुक बनी हुई है। ईलाज के नाम पर हमसे मोटी रकम वसूली गयी है। डिलीवरी के बाद जैसे ही बच्चों और पत्नी की हालत खराब होने लगी तो जीवन ज्योति नर्सिंग होम की डॉ ज्ञानती वर्मा ने ये बोलकर घर भेज दिया कि डिलीवरी के बाद कमजोरी के कारण ये बेहोश हो रही है। घर आने के बाद अगले दिन एक लड़के की तबीयत खराब हो गयी हम लोग उसे बलिया ले गए जहाँ उसे मृत्यु घोषित कर दिया गया। उसी दिन दूसरे बच्चे और पत्नी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा ले गए जहाँ से डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया, अगले दिन दूसरे बच्चे की भी मृत्यु हो गयी। अब पत्नी पाँच दिनो से जीवन और मृत्यु से संघर्ष कर रही है। धनंजय गोंड ने थानाध्यक्ष बैरिया से न्याय की गुहार लगाई है।
आशा बहु चंदा वर्मा से इस बाबत बात करने पर बताया कि जच्चा बच्चा ठीक थे तभी मैं इनको घर ले आयी। और सरकारी अस्पताल से गर्भवती महिलाओं के लिए कभी कभी आयरन और कैल्शियम की गोली मिलती हैं वरना कुछ नही मिलता।
जीवन ज्योति नर्सिंग होम की संचालिका डॉ ज्ञानती वर्मा ने बताया कि मा की हालत थोड़ी खराब थी दो बच्चे हुए थे इसलिए बाकी सब ठीक था।