पिन्टू सिंह

(बलिया) उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रसड़ा नगर में वर्षा पहले मुंसफ न्यायालय हुआ करता था उसी समय मुंसफी तिराहा के नाम से चर्चित हुआ बाद में छितौनी गांव के समीप तहसील का स्थापित होने के नाते सभी अधिकारी वहा चले गए ।
खाली पडे जमीन पर धीरे धीरे नगर का आबादी बढीं तो नगर के बेरोजगार अपनी रोजीरोटी के लिए न्यायालय की भूमि पर दुकान लगा लिए और फिर सरकार बदलती रही मगर अतिक्रमण बढता गया । शनिवार को पुरे दिन दुकानदारों में अफरा-तफरी मची रही। इस दौरान अधिकांश दुकानदारों ने स्वत: ही अपनी दुकानों को हटाकर न्यायालय की भूमि को खाली कर दिया जबकि अन्य दुकानदारों को प्रशासन ने कुछ समय के अंदर हटा लेने का निर्देश दिया।
अतिक्रमण अभियान के समय एसडीएम प्रभुदयाल, क्षेत्राधिकारी एसएन वैस, नायब तहसीलदार शैलेश कुमार, प्रभारी निरीक्षक नागेश उपाध्याय मौजूद रहे। गौरतलब है कि इस भूमि पर मुंसिफ न्यायालय की पु:र्न स्थापाना किए जाने को लेकर चर्चा का बजार काफी दिनों से गर्म था तभी 9 जून को अपर सत्र न्यायधीश हुसैन अहमद, सीजीएम व सीविल जज ने औचक निरीक्षण दौरा से दुकानदारों का दिलों का धडकन तेज हो गया था इसलिए कि अभी तो किसी तरह कोरोना काल से बचें तबतक गुमटियों को हटाने की नोटिस भी तामिल करा दी गई ।
तहसील प्रशासन द्वारा लगातार चेतावनी के बावजूद वर्षों से गुमटी लगाकर अतिक्रमण किए दुकानदार भारी मन से गुमटियां तो जरूर हटा लिया है किंतु उनके सामने अब रोजी-रोटी का भी भयंकर संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में अब देखना होगा कि इनके आंसु कौन पोछता है या फिर इनके हाल पर आत्मनिर्भर बनने के लिए छोड़ देतें यह तो आने वाला वक्त तय करेगा कि कल तक जहां से सैकड़ों परिवार का रोजीरोटी चलता था आज वह अपने अपने दुकानों को संभाल कर हटाते दिखे।