रसड़ा में खूब लहलहा रही झोलाछाप नर्सिग होम की खेती स्वास्थ्य विभाग धृतराष्ट्र कि तरह वर्षों से देख रहा किसी बडी घटना का इन्तज़ार
पिन्टू सिंह
(बलिया) उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद सहित रसड़ा क्षेत्र में इन दिनों खूब लहलहा रही है छोलाछाप नर्सिंग होम कि खेती जी हाँ मानव जीवन कितना मूल्यवान है, यह सभी जानते है। फिर भी जनपद सहित रसड़ा तहसील क्षेत्र में छोटे-छोटे स्थानों पर बिना मान्यता के तमाम झोलाछाप व नर्सिग होम खुलेआम मरीजों को गुमराह करके उनकी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
सरकारी अस्पतालों में वर्षों से सर्जन व महिला चिकित्सकों व संसाधनों की कमी से झोलाछाप व अपंजीकृत नर्सिंग होम मरीजों को गुमराह कर इलाज के नाम पर आर्थिक शोषण करते हैं। मरीजों की सेहत व जाना से खिलवाड़ करने वाले बिना मान्यता के चल रहे नर्सिंग होम सेटरों की क्षेत्र में भरमार है ।
बिना पंजीकरण के झोलाछाप की क्लीनिक धड़ल्ले से चल रही है, जो मरीजों की सेहत से खिलवाड़ है। वहीं लोगों द्वारा बार-बार उच्चाधिकारियों से इस बाबत शिकायत भी की जाती है, लेकिन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं देता कुम्भकर्णी निद्रा में किसी बडी घटना का इन्तजार हैं।
इसी क्रम में सोमवार को रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के कोटवरी रोड हास्पिटल मे मूवली देवी पत्नी गोपाल चौहान उम्र 40 वर्ष का आपरेशन के पहले गलत तरीके से सुई लगने के कारण
महिला का दर्द तेज हो गया बच्चेदानी का आपरेशन करना था अस्पताल संचालक स्वय.महिला को वाराणसी के लिए निकल गया और जहां महिला की रास्ते में मौत हो गई हास्पिटल संचालक ने महिला के शव को गांव पर उतारा कर झोला छाप डाक्टर फरार हो गया ।
सोमवार की रात पुलिस को सूचना मिलते ही तत्परता से लोगों को समझा बुझाकर शव को कब्जा मे लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। बताते चलें कि पत्नी के मौत के बाद बच्चों व दिव्यांग पति दुखों का पहाड़ टूट पडा है।
हर बार कि भाति इस बार भी लेन देन कर पूरा मामला रफा दफा हो जायेगा।
आखिरकार रसड़ा क्षेत्र में इन महिलाओं के मौत का जिम्मेदार कौन है कैसे होगी बच्चों की परवरिश व कौन खिलायेगा दिव्याग पति को खाना।