पिन्टू सिंह
(बलिया) तीन दशक पूर्व यानी 1989 मे रसड़ा सीएचसी की नींव रखी गई तो लोगों को यहां से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने की उम्मीद जगी किंतु 32 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह अस्पताल अपनी बदहाली व दुर्व्यवस्था पर बेबसी का आंसु बहा रहा है।
लोगों को जहां इस स्वास्थ्य केंद्र से अब भी काफी उम्मीदें बंधी रहती है किंतु वर्तमान में हालत यह है कि विषय-विशेषज्ञ एमडी, सर्जन चिकित्सकों की कमी के साथ-साथ उपचार के आधुनिक संसाधनों, अल्ट्रासाउंड मशीन का अभाव के साथ-साथ एक्सरे मशीन, जनेटर, आरोओ प्लांट काफी दिनों से खराब पड़े हैं। कई कमरों में पंखे खराब पड़े हैं या गायब कर दिए गए हैं। 30 बेड वाले इस सीएचसी पर कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेष इंतेजाम नहीं होने से लाखों की आबादी वाले रसड़ा नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों का इलाज भगवान भरोसा ही चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग सहित सांसद व मंत्री ने भी इस अस्पताल की कभी सूधि लेने की जहमत नहीं उठायी नतीजतन यहां की समस्याएं नासूर बनती चली गई। यहां पर समुचित इलाज के अभाव में अधिकांश मरीजों को रेफर कर दिया जाता है जिसकी कीमत अधिकांश मरीजों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। बारिश के दिनों में सीएचसी परिसर में जलभराव की स्थिति कायम हो जाती है और उपचार भी बाधित हो जाता है। लाखों की लागत से बना चिकित्सक आवास को लोकार्पण न होने, इसकी बाउंड्री न बनने के चलते यह यह आवारा पशुआें का चारागाह बनकर रह गया है। पिछले दिनों इस सीएचसी को 10 आक्सीजन सिलेंडर देने पहुंचे क्षेत्रीय विधायक उमाशंकर सिंह ने सीएचसी के हाईटेक अस्पताल बनाने की दिशा में अधीक्षक से जरूरी संसाधनों की सूची मांगी। क्या यह सूची रसड़ा सीएचसी के सुरते-हाल को ठीक करने में संजीवनी का काम करेगी यह तो आने वाले दिनों में जरूर पता चल जायेगा किंतु इस सीएचसी पर महामारी के दौर भी इलाज सुलभ न होना विभागीय उदासीनता के साथ-साथ प्रभारी मंत्री जी के आश्वसनों व भरोसे पर कई सवाल खड़े करने के लिए काफी है।
👉स्वीकृत पद और तैनाती
चिकित्सक : सात पद, सात की तैनाती
फार्मासिस्ट : चार पद, चार की तैनातीं
स्टाप नर्स : नौ पद, पांच स्थायी और चार संविदा
एलटी संविदा : तीन पद, तीन की तैनाती
वार्ड व्याय : तीन पद, तीन की तैनाती
स्वीपर : एक पद, एक की तैनाती
एक्सरे सहायक : एक पद, एक की तैनाती
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