पिन्टू सिंह

(बलिया) 30 बेड वाले इस सीएचसी पर लाखों की आबादी वाले रसड़ा नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों का इलाज भगवान भरोसा ही चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग सहित सांसद व मंत्री ने भी इस अस्पताल की कभी सूधि लेने की जहमत नहीं उठायी नतीजतन यहां की समस्याएं नासूर बनती चली गई। यहां पर समुचित इलाज के अभाव में अधिकांश मरीजों को रेफर कर दिया जाता है ।
? एक तरफ सरकार स्वास्थ्य विभाग पर पानी की तरह पैसा बहा रही ताकि सबका साथ ,सबका विकास के चलते किसी को उपचार मे कोई दिक्कत ना आये।
मगर सरकार के आखों में धूल झोंक कर उपस्थित रजिस्टर में आता जाता रहता है मगर धरातल पर कहीं दिखाई नहीं पडता है।
जब इसकी शिकायत अधीक्षक विरेन्द्र कुमार से किया गया तो उन्होंने बहुत ही हल्के में लिया और तो और उपदेश भी दिया कि जिम्मेदार अधिकारियों को सोचना चाहिए कि बाबु साहब का लडका काउंसलर करेगा या पट्टी बाधेगा,पाण्डेय जी का लडका चौकिदारी करेगा , हालांकि संवाददाता ने कहा कहा है साहब अभी पिछले दिनों पटना मे डोम की भर्ती मे हजारों डीग्री धारकों ने आवेदन किया था।
बरहाल आप सभी को बताते चलें कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना मुहिम चलाते रहे ताकि जनता की समस्याओं का समाधान होता रहे।
हालांकि 2014 मे उस समय के सीएमओ ने कहा था कि जो काउंसलर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं जा रहे हैं उनका वेतन रोक दिया जाय।
मगर क्या वर्तमान सीएमओ इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हैं कि नहीं यह तो आने वाला वक्त तय करेगा।