शैलेश सिंह

बैरिया बलिया। साइकिल से प्राइमरी स्कूल की तरफ घूमने गये एक 8 वर्षीय लड़के की भांगड़ में साइकिल सहित फिसलकर गहरे पानी मे डूबने से मौत हो गयी। जबकि उसके साथ साइकिल पर पीछे बैठे 7 वर्षीय आदित्य को पानी डूबते उतराते देख वहाँ मौजूद लोगों ने बचा लिया। घटना के सम्बंध में मिली जानकारी के अनुसार विक्की पुत्र कमलेश यादव निवासी डेरा पर सोनबरसा अपने बुआ का लड़का आदित्य पुत्र हंसराज यादव निवासी फकरुटोला जो अपने मामा के गांव सोनबरसा आया था उसे बुधवार की दोपहर साइकिल पर पीछे बैठाकर प्राइमरी पाठशाला न0 1 की तरफ लेकर गया था। विद्यालय पर घूमने के बाद वापस लौटते समय विद्यालय के पीछे भांगड़ की तरफ जाते समय सड़क खराब होने से साइकिल सहित भांगड़ में चला गया। भांगड़ में पानी के ऊपर पूरी तरह से जलकुंभी फैला हुआ है। पीछे बैठे आदित्य को वहाँ से गुजर रहे लोगो ने डूबता उतराता देख पानी में उतरकर किसी तरह बचा लिया। जबकि विक्की साइकिल सहित पानी मे डूब गया था जिसे किसी ने नही देखा। आदित्य को अत्यधिक पानी पी लेने से अचेतावस्था में लोगो ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा पहुँचाया। जहां डॉक्टरों के अथक प्रयास से उसे बचा लिया गया। आदित्य के होश में आने पर परिजनों ने उससे विक्की के बारे में पूछा तो उसने बताया कि भैया भी सायकिल सहित पानी मे वही गिरा था। आनन फानन में परिजन व गांव के लोग पुनः घटना स्थल भांगड़ के पास पहुँचकर उसे खोजने लगे। गांव के लोगो के अथक प्रयास के बाद पहले साइकिल फिर विक्की को निकाला गया। विक्की को लोगो ने पुनः सोनबरसा हॉस्पिटल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। घटना से गुस्साये परिजनों व उसके साथ गये लोगो ने डॉक्टरों से दुर्व्यवहार के साथ ही हॉस्पिटल में जमकर तोड़फोड़ किया गया। हॉस्पिटल पर काफी भीड़ के बीच कोविड का टीका समझा बुझाकर शव को कब्जे में लेकर अंत परीक्षण के लिये जिला चिकित्सालय भेज दिया।
डॉक्टरों के साथ गाली गलौज व मारपीट से डॉक्टर काफी भयभीत हैं। डॉक्टरों का कहना है कि हॉस्पिटल में लोग विषम परिस्थिति में ही आते है। आखिर हम भी एक इंसान ही है मरना जीना किसी के हाथ मे नही है। हम लोग अपना कर्तव्य करते है किसी भी मृत व्यक्ति को जिंदा करना सिर्फ भगवान के हाथ मे होता है डॉक्टर के हाथ मे नही होता। आये दिन इस तरीके के दुर्व्यवहार के बीच काम करना मुश्किल है। आखिर हम भी एक इंसान है और हमे भी सम्मान से जीने का अधिकार मिलना चाहिये।