बलिया । वर्तमान परिवेश में उद्यमिता विकास काफी महत्वपूर्ण है। इस ओर युवाओं और महिलाओं को चाहिए कि बेकार में इधर-उधर भटकने के बजाय वे अपने जीवन को सुखमय बनाने के साथ ही राष्ट्र के उत्थान हेतु उसके विकास की ओर उन्मुख हों रहे हैं।स्वावलंबन के लिए व्यावसायिक शिक्षा को अपनाकर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं।
उक्त बातें फल संरक्षण अनुदेशक हरिशंकर वर्मा ने कामेश्वर चैरिटेबल ट्रस्ट के विकास खंड हनुमानगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत जीराबस्ती में आयोजित उद्यमिता विकास जागरूकता कार्यक्रम के तहत गोष्ठी में उन्होंने कहा । उन्होंने उद्यमिता विकास के लिए जरूरी है कि हम अपने अंदर उद्यमी बनने का जोश अपने अन्दर पैदा करे। उ
जिसमें न जाति, न धर्म, न समुदाय आगे आता है और नाहि समय ही बाधक बनता है। उद्यमी को स्वयं स्वालम्बन के प्रति रुचि जागृत करना होगा और ऊँची उपलब्धि की चाह रखने वाला व्यक्ति उद्यमी मी बन सकता है।
ट्रस्ट के सचिव संतोष तिवारी ने कहा कि वास्तव यह प्रेरणा बचपन से ही दी जाती है, या प्रशिक्षण के माध्यम से सामाजिक आर्थिक व्यक्ति की उद्यमिता भावना को बहुत अधिक प्रभावित करता है। इसके लिए नियोजित ढंग से ठोस कदम उठाने होंगे। उद्यमिता की भावना जागृत करने के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में युवाओं को संगठित करके उनके बीच जा कर उद्यमिता के संबंध में चर्चा करनी आज की आवश्यकता है। इसके महत्व को अभिभावकों को अपने बच्चों में बचपन से ही उद्यमी बनने की ललक पैदा करनी होगी। इसके लिए अभिभावकों के सोच को बदलना होगा। अभिभावकों को यह समझना होगा आज के बदले परिवेश में अपने लाडले के लिए नौकरी नहीं वरण सफल उद्यमी बनने के सपने संजोकर उसके जीवन को सफल बनाने वाले जागरूकता कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी करके युवा और महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में अपना योगदान दे।