राजेश सिंह
आजमगढ़ प्रदेश सरकार ने गांवों में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण पर लाखों रुपये खर्च कर दिए, और सरकार की मंशा थी कि स्वच्छता अभियान का सपना साकार होगा।, लेकिन तमाम गांवों में सपना साकार होता नहीं दिख रहा है । गांवों के कुछ शौचालयों में ताला बंद है, तो वही कुछ जगहों पर आसपास झाड़-झंखाड़ उग गए हैं। कहीं-कहीं तो प्रधान व ग्राम सचिवों ने पोखरी के किनारे भी शौचालय बनवा दिए हैं । ऐसा ही अतरौलिया ब्लॉक क्षेत्र के छितौनी खास ग्राम सभा में लाखों रुपए लागत से बना सामुदायिक शौचालय सुविधाओं का बाट जोह हो रहा है। शौचालय पोखरी में बनाया गया है, जहां भारी बरसात की वजह से लबा लब पानी भर चुका है, तो वही शौचालय के अंदर भी बरसात का पानी शैवाल युक्त घुसा हुआ है, जिसकी वजह से आसपास के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व ग्राम प्रधान तथा पूर्व ग्राम सचिव द्वारा शौचालय को पोखरी के अंदर बनाया गया है, शौचालय की ऊंचाई भी बहुत कम है । लापरवाही का नतीजा यह है कि पिलर के बजाय गिट्टी बालू से निर्माण किया गया है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है । पोखरी में शौचालय बनाने की वजह से पीछे की दीवाल जमीन में धंस चुकी है, तो वही लोगों को हमेशा इस बात का भय बना रहता है, कि कहीं बड़ा हादसा ना हो जाए । स्थानीय निवासियों ने बताया कि सरकार की लाखों रुपए लागत से बनी इस योजना का दुरुपयोग किया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं मिलता। शौचालय में इस समय ताला बंद रहता है, और साफ-सफाई भी समय से नहीं की जाती। देखभाल कर रही लक्ष्मी आजीविका समूह की महिला चंद्रावती ने बताया कि शौचालय पोखरी में दब रहा है जिसकी मैंने अभी तक कहीं शिकायत नहीं किया है ।शौचालय में पोखरी का पानी जमा हुआ था जिसकी शिकायत ग्राम सचिव से की गई, ग्राम सचिव ने बताया कि जब तक पोखरी का पानी कम नहीं होता तब तक उसे बंद रखा जाए, समूह की महिला ने बताया कि 1 सितंबर को साफ सफाई की गई है, और शौचालय पुनः चालू कर दिया गया, वहीं स्थानीय निवासी सरिता यादव ने बताया कि शौचालय में पूरी तरह से पोखरी का पानी भर चुका था जिसकी वजह से शौचालय में कुछ दिखाई नहीं दे रहा है । इस मामले में  खंड विकास अधिकारी रामविलास राम ने बताया कि इस समस्या को हम स्वयं देखेंगे और कार्रवाई करेंगे।