राजेश सिंह
आजमगढ़ । हर साल 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। इस माैके पर धूम-धाम से पूजा की जाती है। शुक्रवार को पूरे क्षेत्र में  विश्वकर्मा भगवान की पूजा की धूम रही तो वही सभी छोटे-मोटे लोहे की दुकानों से  लेकर कल-कारखानों में विश्वकर्मा भगवान की पूजा की गयी। मान्यता है कि विश्वकर्मा ब्रह्मा के 7वें पुत्र हैं और इन्होंने ही सृष्टि के निर्माण में ब्रह्मा जी का सहयोग किया था। हिंदू पंचाग के अनुसार भगवान विश्वकर्मा की जयंती कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। इस तिथि को इंजीनियरिंग संस्थानों, फैक्ट्रियों, कल-कारखानों व कामगारों समूहों द्वारा मशीनों, हथियारों व औजारों की पूजा की जाती है। इस दिन ये लोग भगवान विश्वकर्मा की विधि -विधान से पूजा करते हैं। इससे भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होकर उनपर अपनी कृपा बरसाते हैं। मान्यता यह भी है कि उनकी कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही व्यापार में तरक्की और उन्नति प्राप्त होती है। इसी मान्यताओं के साथ निजी कल-कारखानों में शुक्रवार को बड़े धूम-धाम से भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जा रही है। 
विश्वकर्मा जयंती के दिन इनकी विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही व्यापार में तरक्की और उन्नति होती है। कहा जाता है कि तकनीकी क्षेत्र से जुड़े जो भी लोग हर साल विश्वकर्मा जयंती पर इनके साथ अपने औजारों और अस्त्रों की पूजा करते हैं, उन्हें पूरे साल उनके हथियारों और औजारों से निर्वाध गति में काम करने में किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़ता है। शुक्रवार को नगर पंचायत समिति ग्रामीण इलाकों में भी पूरे विधि विधान से विश्वकर्मा जयंती मनाई गई जहां लोगों दी पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया ।लोहे के औजार से काम करने वाले छोटे-मोटे दुकानदार, कल कारखाने आदि जगहों पर बड़े ही धूमधाम से विश्वकर्मा पूजा मनाया गया।