बलिया: 24.9 वर्ग किलोमीटर में फैला सुरहाताल जो बलिया जिले में स्थित है, उसे वेटलैंड (आर्द्रभूमि) के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए दो दिन पहले सुरहाताल के पानी की सैंपलिंग कराई गई है। प्रारंभिक जांच में पानी अच्छा पाया गया है, सूत्रों की माने तो एक्शन प्लान के तहत यहां के पानी की जांच की गई है,पानी की गुणवत्ता अच्छी है,अभी कई और जांच बाकी है,इसके बाद सर्वे और डीपीआर बनाने का कार्य शुरू किया जा सकता है। आप को बता दें कि सुरहा ताल प्रदेश के सबसे बड़े ताल में से एक है,जो 24.9 वर्ग किलोमीटर में फैला है। बरसात के दिनों में जलग्रहण क्षेत्र में विस्तार हो जाने से क्षेत्रफल बढ़कर 34.32 वर्ग किलोमीटर या कभी – कभी 42.32 वर्ग किलोमीटर तक हो जाता है।गर्मी में अधिग्रहण क्षेत्र कम हो जाने से इसका क्षेत्र 21 वर्ग किलोमीटर ही रह जाता है। यह ताल सुरहा गंगा और सरयू के दोआब में स्थित एक गोखुर झील के रूप में है।यह कटहल नाले के साथ गंगा नदी से जुड़ा हुआ है। सुरहाताल में मैरीटार में पंप कैनाल स्थापित है। यहां वाटर रिजर्व वायर,वाटर रिचार्ज और वाटर स्पोर्ट्स जैसे कार्य हो सकते हैं। गर्मी के दिनों में यहां का पानी समृद्ध रहता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए वेटलैंड (आर्द्रभूमि) का अहम महत्व होता है। इससे पक्षियों के दुर्लभ प्रजातियों का संरक्षण होता है।
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.