कलेक्ट्रेट परिसर हुआ पुलिस छावनी में तब्दील

बलिया। संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी भारत बंद के आह्वान पर कलेक्ट्रेट पर सैकड़ों की तादात में किसान इकट्ठा हुए तीनों काले कानून रद्द करो एमएसपी को कानूनी दर्जा दो किसान विरोधी विद्युत बिल को रद्द करो आदि के नारे लगाते हुए जुलूस टीडी कॉलेज चौराहे की तरफ चले तो पुलिस प्रशासन ने उनकी घेराबंदी करना चाहा, पुलिस प्रशासन के साथ नोकझोंक भी हुए लेकिन आगे नहीं बढ़ने दिया। वहां वक्ताओं ने मौके पर वार्ता करने आए सिटी मजिस्ट्रेट को चेतावनी दिया, अब आगे पुलिस या जिला प्रशासन के द्वारा अनावश्यक छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करेगा। और आने वाले दिनों में शांतिपूर्ण आंदोलन या प्रदर्शनों को रोकने के लिए धारा 144 का प्रयोग किया जाएगा तो हम उसे तोड़ने के लिए मजबूर होंगे। वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस की रवैया ठीक नहीं है। शांति पूर्ण हो रहे आंदोलन को रोकने के लिए धारा 144 लगाना, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। और बलिया की पुलिस का रवैया तो बिल्कुल ठीक नहीं है। एक दिन पहले शाम को 7:00 बजे तय प्रोग्राम के तहत संयुक्त किसान मोर्चा ने कैंडल मार्च निकालकर शहर में दुकानदारों से भारत बंद बलिया बंद का संदेश पहुंचाना चाहते थे। लेकिन वहां भी पुलिस पहुंच गई और कार्यक्रम में बाधा खड़ी की। कहां की पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, सरसों के तेल चीनी तथा अन्य खाद्य पदार्थों के दाम की वृद्धि की निंदा करते हुए यह मांग की गई है कि महंगाई पर सरकार रोक लगाए। कार्यक्रम में मोर्चा के संयोजक जनार्दन सिंह, केशव सिंह आजाद, बलवंत यादव, राम जियान यादव, सत्य प्रकाश सिंह, अशोक कुमार पांडेय, अवधेश वर्मा, भरत प्रसाद, परमात्मानंद, नथुनी वर्मा, भगरसनी देवी, अनीता देवी, ज्ञानती, रामकृष्ण यादव, मुन्ना बहेलिया, तेजनारायण, परमात्मानंद राय आदि ने सभा को संबोधित किया। साथ ही असहाय गरीब संघ ने किसान मोर्चा के साथ कदम से कदम मिलाकर शामिल हुआ जिसमें प्रदर्शन करने वालों में रामप्रसाद कामरेड, शिव बहादुर यादव, अंजनी कुमार राजभर, रामानंद, लल्लन, ढ़ोढ़ा, पन्नालाल, दीनानाथ प्रजापति, विजय ओझा ,रामप्रसाद, अंजनी कुमार, सुदेश पासवान आदि लोग मौजूद रहे।