बलिया पोखरा बचाओंसंघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व चेयरमैन बृज कुमार सिंह ने शिव मंदिर को लेकर सौंपा जिलाधिकारी को ज्ञापन। दी आमरण अनशन की चेतावनी।
चितबड़ागांव(बलिया)। नगर पंचायत का ऐतिहासिक धरोहर अति प्राचीन तेलिया पोखरे का अस्तित्व तो मिटने के कगार पर है ही साथ ही पोखरे पर स्थिति शिव मंदिर नालियों के गंदे पानी से भर गया है और शिवलिंग को भी गंदे पानी में डूबो दिया है। पोखरा बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व चेयरमैन बृज कुमार सिंह ने मंदिर संबंधी ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा साथ ही मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी दी मामले की जानकारी।
गौरतलब है कि तेलिया पोखरे को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए 2018 में पोखरा बचाओ संघर्ष समिति का गठन हुआ था जिसके अध्यक्ष पूर्व चेयरमैन बृज कुमार सिंह हैं। इसके लिए संघर्ष समिति जिसमें पूर्व चेयरमैन बृज कुमार सिंह के नेतृत्व में संघर्ष समिति के सदस्य मोती चंद गुप्ता, ओम प्रकाश वर्मा, धीरेंद्र तिवारी, मनीष तिवारी, शंभूनाथ सिंह, सुमन सिंह, पप्पू केसरी एवं अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष हरिनारायण चौरसिया इत्यादि ने आमरण अनशन किया था जिसमें जिलाधिकारी के आश्वासन पर अनशन समाप्त हुआ था और पोखरे की पैमाइश भी की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। पुनः 2020 में तेलिया पोखरिया के दक्षिणी भाग को अतिक्रमण से बचाने के लिए वर्तमान चेयरमैन केसरी नंदन त्रिपाठी ने अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पीसीओ तिराहे पर ही धरने पर बैठ गए जिसमें एसडीएम ने आकर पैमाइश करा कर अतिक्रमण मुक्त कराने का आश्वासन दिया और स्टे लगा दिया गया। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और मामला ठंडे बस्ते में ही पड़ा हुआ है।
आलम यह है कि बरसात में तो तेलिया पोखरा पानी से भरा हुआ ही था साथ में पीसीओ तिराहे से क्रॉसिंग तक दोनों तरफ बने लोगों के मकान का गंदा पानी जिसका निकास ना होने से पोखरे में ही जाता है, क्योंकि पानी का निकास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और पोखरा चारों तरफ से अतिक्रमण होता चला जा रहा है और वही गंदा पानी बहता हुआ शिव मंदिर में प्रवेश कर शिवलिंग को भी चपेट में ले डुबो दिया है।
उक्त स्थिति को देखते हुए पोखरा बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व चेयरमैन बृज कुमार सिंह ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया है कि अगर शिव मंदिर को तत्काल इस परिस्थिति से निजात नहीं दिलाया गया तो आमरण अनशन के लिए हम बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन को होगी।
भाजपा प्रशासन में हिंदू मंदिर कि इस अति निंदनीय स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी मामले को डाला गया है।
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