लोगों के कष्ट में खड़े रहना ही क्षत्रिय की पहचान: अनिल कुमार – 

बलिया। जिले में सोमवार को हुए क्षत्रिय महासंगम में पूरे जनपद के सभी क्षत्रिय संगठनों ने भाग लिया और अपनी एकता का प्रदर्शन किया। क्षत्रिय भारत महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने कहा कि क्षत्रिय समाज का ये महाकुंभ था, जिसमे सभी संगठन रूपी नदियों ने समागम किया। कहा कि समाज और समझ का क्षत्र ही क्षत्रिय है, सभी को समान रूप से देखना, उनके कष्ट में खड़े रहना और समाज मे एक समान भाव बनाने के लिए प्रयत्न करना ही हमारा धर्म होना चाहिए। जनपद के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने कहा कि आदिकाल से ही क्षत्रिय समाज का सारथी और रक्षक रहा है। राम की मर्यादा और कृष्ण के संकल्प का सार ही आज समाज को बदल सकता है और संरक्षित कर सकता है।
संरक्षक जयंत सिंह ने इस कार्यक्रम पर पूरे जनपद के क्षत्रिय भाइयो व बहनों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि कितनी सुखद अनुभूति है कि सभी राजपुताना तलवारें एक बार फिर से आज एक छत के नीचे है, और ये एहसास समाज को इतना कहने के लिए काफी है कि हम एक है और एक रहेंगे। जनपद के प्रवक्ता रजनी कान्त सिंह जी ने बताया कि सुनहरे इतिहास और उज्ज्वल भविष्य के लिए हमे एक होना है, और हर हालत में एक रहना है। और राजपूत समाज हजारो वर्षों से सभी जाति वर्ग को एक करने का काम किया है और आगे भी करने का संकल्प करते है। किसी राजनीतिक और सामाजिक विचारधारा से समाज का विघटन नही होना चाहिए। इस समाज को बुद्ध की भी उतनी ही जरूरत है जिनती कृष्ण की, राम के संघर्ष की भी जरूरत है और भरत के त्याग की भी। डॉ0 कृष्णा सिंह ने इस बात पर बल दिया कि यदि समाज के दबे कुचले और गरीब वर्ग को सबल समाज का साथ मिल जाय तो वो अपने दैनिक संघर्ष से ऊपर उठ इस समाज की सशक्त ताकत बन उभर सकते है जिससे हमारा समाज और तेजी से विकास की ऊंचाइयों को छू सकेगा। गरीब और असक्त क्षत्रियों के उत्थान में उच्च वर्ग आगे आकर बढ़ चढ़ कर सहयोग करे।