पिन्टू सिंह
(बलिया) यूपी के शाहजहांपुर में हत्या की एक सनसनीखेज वारदात से इलाके में हड़कंप मच गया ।
शाहजहांपुर कचहरी के एसीजेएम ऑफिस में एक वकील की गोली मारकर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। अधिवक्ता के हत्या करने के बाद आरोपी मौके पर तमंचा छोड़कर फरार हो गया। मौके पर पहुुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। एक बार फिर कोर्ट परिसर में हुई अधिवक्ता की हत्या से पुलिस के सुरक्षा इंतजामों को पोल खुल गई है।
तमंचा छोड़कर आरोपी हुआ फरार
जानकारी के अनुसार, सोमवार को करीब 11:45 बजे कचहरी की तीसरी मंजिल में एसीजेएम ऑफिस में अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह की तमंचे से गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोली मारने वाला मौके पर तमंचा छोड़कर आराम से वहां से फरार हो गया।
घटना के समय ऑफिस में अकेले थे वकील भूपेंद्र सिंह
बताया जाता है कि वारदात के वक्त ऑफिस में कोई मौजूद नहीं था। सूचना मिलते ही एसपी एस आनंद, डीएम इंद्र विक्रम सिंह मौके पर पहुंचे और मामले की जांच की। पुलिस सीसीटीवी कैमरे की फुटेज तलाश रही है। तमंचे के साथ किसी व्यक्ति के कचहरी के अंदर घुसने से सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है।
आगरा कोर्ट परिसर में भी हुई थी अधिवक्ता की हत्या
यूपी में कोर्ट परिसर में हत्या की यह कोई पहली वारदात नहीं है। इससे पहले १२ जून २०१९ को आगरा जिला अदालत में एक महिला अधिवक्ता की हत्या की जा चुकी है। घटना के मुताबिक वारदात के ३ दिन पहले यूपी बार काउंसिल की पहली महिला चेयरपर्सन चुनी गई 38 वर्षीय वकील दरवेश यादव को आगरा जिला अदालत परिसर के अंदर एक अन्य वकील मनीष शर्मा ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी तरह बिजनौर में कोर्ट परिसर में भी हत्या की वारदात हो चुकी है। जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट ने न्यायालयों की सुरक्षा को सख्त निर्देश दिए थे।
अदालतों की सुरक्षा को लेकर डीजीपी ने जारी किया था सर्कुलर
आगरा और बिजनौर की घटना के बाद यूपी पुलिस के मुखिया ने एक सर्कुलर जारी कर कोर्ट परिसरों की सुरक्षा को लेकर कड़े निर्देश दिए थे। लेकिन यूपी पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी अपने ही मुखिया के निर्देश को ताक पर रखकर मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। शाहजहांपुर की घटना पुलिस की इस लापरवाही का उदाहरण है।