– 3971 आशा, आशासंगिनी दिया गया प्रशिक्षिण
आजमगढ़। जनपद में 10 फरवरी से शुरू होने आइवरमेकटिन डीआईसी एलबेंडाजोल (आईडीए) अभियान के दौरान 3971 आशा, आशा संगिनी को अपने सामने लोगों को दवा खिलाएंगी। यह अभियान राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चलेगा। इस बात की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी ने दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान में डीईसी, एल्बेंडाजोल व आइवरमेक्टिन ( ट्रिपल ड्रग थेरेपी) की गोलियां सम्बन्धित आयु वर्ग के अनुसार लोगों को घर-घर जाकर खिलाई जाएंगी। इसके लिए विभाग की ओर से ब्लॉक स्तरीय प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आशा व आशा संगिनी एवं सुपरवाइजर को प्रशिक्षित किया गया है। जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) शेषधर द्विवेदी ने बताया कि फाइलेरिया की दवा जनसमुदाय में किसको खिलानी है और किसको नहीं, इसके लिए जिले में आशा, आशा संगिनी को ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण 9 जनवरी से दिया जा रहा है। अब तक कुल 23 ब्लॉक पर कुल 3971 आशा, आशा संगिनियों एवं 365 पर्यवेक्षकों का प्रशिक्षित पूर्ण करा लिया गया है। शेष द्वितीय ड्रग एडमिनिस्ट्रेटरों (एएनएम/आँगनबाड़ी) का प्रशिक्षण चल रहा है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का उद्देश्य इस रोग पर शतप्रतिशत नियंत्रण पाना है। इसके लिए आशा कार्यकर्ता के माध्यम से इस बीमारी के कारण, लक्षण, बचाव व उपचार के लिए लोगों को प्रेरित एवं जागरूक करना भी है। डीएमओ ने बताया कि यह दवाएं गर्भवती महिलाओं, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों व अत्यधिक बीमार लोगों को नहीं दी जाएगी। एल्बेंडाजोल की गोली को चबाकर खाना है। आशा को यह भी जानकारी दी गयी कि यह गोलियां किसी भी व्यक्ति को खाली पेट नहीं दी जाती है। अगर यह गोली को खाने के बाद किसी को सिरदर्द, चक्कर, बुखार या शरीर पर चकत्ते व खुजली हो तो इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है, इस तरह के लक्षण वाले शरीर में माइक्रो फाइलेरिया परजीवी होते हैं। ब्लॉक अतरौलिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की आशासंगिनी कंचन पांडे ने बताया कि प्रशिक्षण में फाइलेरिया उन्मूलन एमडीए व आईडीए अभियान के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी।