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मऊ। विश्व किडनी दिवस के अवसर पर शुक्रवार को शारदा नारायन हॉस्पिटल में एक जन जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर शारदा नारायन हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ संजय सिंह ने लोगो को जागरूक करते हुए बताया की आजकल की दौड़-भाग भरी जीवनशैली ने गैरसंचारी रोगों को बढ़ावा दिया है।किडनी शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. प्रतिवर्ष ऐसे अनेक लोग हैं जो किडनी रोगों के चलते अपनी जान गंवा देते हैं. किडनी फेलियर के चलते किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत तेजी से बढ़ती जा रही है.किडनी यानी गुर्दा शरीर का एक बेहद ही महत्वपूर्ण अंग है, जो शरीर में खून को साफ करता है, यूरिन को बाहर निकालता है। क्रोनिक किडनी डिजीज बेहद कॉमन और नुकसानदायक होती है. विश्व भर में प्रत्येक 10 लोगों में से 1 वयस्क इससे ग्रस्त होता है. यदि इसका इलाज ना किया जाए, तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. गुर्दे की बीमारी से संबंधित मृत्यु दर सालाना बढ़ रही है और 2040 तक मृत्यु का 5वां प्रमुख कारण होने का अनुमान है. किडनी में जरा सी भी समस्या होने पर ये सभी कार्य प्रभावित हो सकते हैं. गुर्दे की बीमारियां को साइलेंट किलर भी कहा जाता है, जो आपके जीवन की गुणवत्ता को काफी हद तक प्रभावित कर सकती हैं। आगे डॉ सिंह ने बताया की कभी भी बिना चिकित्सक परामर्श के दवाओं का सेवन कद्दापि न करे ,कोई भी बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाए।