पटना। महिला एवं बाल सेवा मंच रंगमंडल की ओर से पटना के कालिदास रंगालय में डॉ प्रमोद कुमार सिंह लिखित एवं कृष्णा जी शर्मा ऊर्फ शालीमार एवं कुमार मानव निर्देशित नाटक जो लौट नहीं सकते का मंचन किया गया।
नाटक के केंद्र में एक युवक किसन है, जो किशोरावस्था में पिता कि मृत्यु के पश्चात अपने जीविका के लिए एक ठेकेदार के साथ मजदूरी करने आता है। ठेकेदार की मृत्यु के बाद वहीं लंबे समय तक रहकर काम करता है। लेकिन गांव के नाम के सिवा उसे कुछ भी याद नहीं। एक दिन उसे अपने घर जाने के बारे में विचार आता है लेकिन सिर्फ गांव के नाम पर वह नहीं पहुंच पाता है। इस दौरान भीड़ भाड़ वाले शहर में उसकी कोई मदद नहीं करता सब लोग अपनी जिंदगी में ही व्यस्त और परेशान हैं। बीमारू राज्यों के अनेकों किशोर जो अपनी और अपने परिवार की जीविका के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन कर जाते है उसमे से अनेक की कहानियां किसन से मिलती जुलती है।
यह नाटक आम लोगों में यह संदेश देता है कि मानवता को आधार मानकर ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए जो अपने घर परिवार से दूर हो गए हैं। भाग लेने वाले कलाकार में सरबिन्द कुमार, मंतोष कुमार अर्चना कुमारी, विजय कुमार चौधरी, राजू कुमार, भुनेश्वर कुमार, बलराम कुमार एवं हिमांशु कुमार, प्रकाश परिकल्पना ब्रह्मानन्द पांडेय, एवं संगीत संयोजन मानसी और मयंक रहे। रूप सज्जा माया कुमारी मूंद मंच परिकल्पना बलराम कुमार ने किया। इस अवसर पर संस्था महिला एवं बाल सेवा मंच के द्वारा लेखक ब्रह्मानन्द पांडेय को अंग वस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर अतिथि कला सांस्कृतिक पुरुष व पत्रकार विश्वमोहन चौधरी“सन्त“ के हाथो सम्मानित किया गया।
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.