(फूलपुर) मौलाना गुलजार हुसैन जाफरी ने कहा कि मजलिसो में अगर किसी भी खतीब को बुलाएं तो वो खतीब के साथ आलिम भी हो। एकता की बात करे न की एक दूसरे को लड़ाने का काम करे। यह बाते मौलना ने सोमवार को फूलपुर तहसील क्षेत्र के चमावां गांव स्थिति जामा मस्जिद में आयोजित मजलिस के दौरान कहा। उन्होने कहा की लोगो को ज्ञान बांटना चाहिए, एक सभ्य समाज को इल्म के लिये आगे बढ़ना चाहिए, करबला का वाकया एक ऐसा वाकया है जिस पर हर इन्सान को गौर फिक्र करना चाहिये।यह जीने का सलीका सिखलाती और हक के लिये कुरबानी देने तरीका बताती है। मौलाना ने इमाम हसन की सीरत पर रोशनी डालते हुए कहा की इमाम ने अन्याय के खिलाफ अपनी कुर्बानी दी थी। मौलाना ने जब जनाबे कासिम और इमाम हसन का मसायएब सुनाया तो सभी लोग रो पड़े। मजलिस से पूर्व शायरो ने अकीदत का नजराना पेश किया। संयोजक शहजादे ने सभी का आभार प्रकट किया। निजामत समीर अब्बास मिसम ने किया। इस अवसर पर पूर्व प्रधान रजिउल हसन, डाक्टर काशिफ तनवीर हैदर, मौलाना फरहत हुसैन, मौलाना शकील फराज, तनवीर अहमद, समीर तसनीम हैदर, लाडिले आदि लोग थे।
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रिपोर्ट, मोहम्मद अकलेन