– 5 अप्रैल विराट मजदूर किसान संघर्ष रैली दिल्ली में एक हजार लोग लेंगे भाग
बेतिया। बिहार राज्य किसान सभा बिहार प्रांतीय खेतिहर मजदूर यूनियन, सीआईटीयू, भारत की जनवादी नौजवान सभा तथा वनएस एफआई ने संयुक्त रुप से 16 मार्च 74 गोलीकांड के 49 वीं वर्षगांठ पर पश्चिम चंपारण जिला स्तरीय कन्वेंशन रिक्शा मजदूर सभा भवन में आयोजित किया। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद का. प्रभुनाथ गुप्ता, हरेंद्र प्रसाद और शंकर कुमार राव की अध्यक्ष मण्डली ने कन्वेंशन का संचालन किया।
कन्वेंशन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय गन्ना उत्पादक किसान संघ के महासचिव तथा राष्ट्रीय किसान नेता कामरेड नंदकिशोर शुक्ला ने कहा कि 1974 में बिहार छात्र आंदोलन की शुरुआत 16 मार्च 1974 बेतिया गोलीकांड से हुई थी। इस गोली काण्ड में 7 लोग शहीद हुए थे। उस दिन महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय बेतिया से एसएफआई के नेतृत्व में एक जुलूस निकाला गया था। जो बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार तथा शिक्षा में आमूल परिवर्तन की मांग कर रहा था। जुलूस को समाहरणालय पहुंचते हीं गोलियां चलनी शुरू हो गई। 44 राउंड गोलियां चली थी। जिसमें 7 लोग शहीद हुए थे। पुलिस की गोलियों से शहीद हुए..छठू साह पिता भिखारी साह बांग्ला टोला खड्डा नौतन, सुनील जॉन पिता जेम्स पीटर क्रिश्चन क्वार्टर बेतिया, केशव साह सोनार पिता तुलसी साह उत्तरवारी पोखरा बेतिया, उस्मान अंसारी पिता इस्लाम अंसारी बसवरिया बेतिया, बाबूलाल बैठा पिता घोघा बैठा सागर पोखरा पूर्वी भाग बेतिया, मोहन अवधिया पिता भग्गू मुनीब घसियार पट्टी बेतिया, मीर जहीर पिता मीर सलीम पिपरा महुअवा नरकटियागंज के थे।
उन्होंने कहा कि जिन सवालों को लेकर 74 में बेतिया से छात्र आंदोलन शुरू हुआ था। आज वह महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार का सवाल और ज्यादा बढ़ गया है। इसके साथ ही देश का बागडोर सांप्रदायिक शक्तियों के हाथ में चला गया है ।जो देश की एकता और अखंडता को तोड़ रहा है। सांप्रदायिक उन्माद बढ़ाया जा रहा है।
आज किसान परेशान है। अभी तक एमएसपी को कानूनी दर्जा नहीं दिया गया है। फसल में लागत का डेढ़ गुना दाम लेने के लिए, मनरेगा में दो महीने काम देने के लिए, 6 सौ रूपये न्यूनतम मजदूरी के लिए 5 अप्रैल को दिल्ली में होने वाले विराट मजदूर किसान संघर्ष रैली में भारी संख्या में भाग लेने के लिए दिल्ली चलना है।
कन्वेंशन को संबोधित करते हुए बिहार राज्य किसान सभा के उपाध्यक्ष प्रभुराज नारायण राव ने 16 मार्च 1974 बेतिया छात्र आंदोलन के बारे में विस्तार से बताते हुए मांग किया कि 16 मार्च 74 को बेतिया में शहीद हुए शहीदों का स्मारक बनाया जाये। सभी शहीद परिवार घायल परिवार तथा गिरफ्तार हुए लोगों के आश्रितों को जे पी सेनानी का दर्जा देकर उनको सम्मान तथा पेंशन सहीत अन्य सुविधाएं दिया जाये।
कन्वेंशन को प्रभुनाथ गुप्ता, शंकर कुमार राव, हरेन्द्र प्रसाद, प्रकाश वर्मा, रामा यादव, नीरज बरनवाल, सुशील श्रीवास्तव, जगरनाथ यादव, म. हनीफ, शंभू आलोक, सदरे आलम, अनवार अली, नंदलाल प्रसाद, म. वहीद, सुनील यादव, शिवनाथ राय आदि ने संबोधित किया। कन्वेंशन का समापन करते हुए माकपा के जिला मंत्री तथा किसान नेता चांदसी प्रसाद यादव ने कहा कि 16 मार्च 74 के शहीदों के सम्मान के लिए लिए गए प्रस्ताव के साथ हूं । साथ हीं पश्चिम चम्पारण से 5 अप्रैल दिल्ली मजदूर किसान संघर्ष रैली मैं एक हजार साथी भाग लेंगे। अन्त में कन्वेंशन में भाग ले रहे लोगों को धन्यवाद देते हुए कन्वेंशन का समापन किया।