लखनऊ। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से समिति के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, और काम पर डटे कर्मियों से अभद्रता करने वालों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा हड़ताल पर जाने वाले संविदाकर्मियों की तत्काल नौकरी खत्म की जाएगी, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और काम करने वालों को रोकने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी, पूरे प्रदेश में एस्मा लागू है, जनता को किसी भी स्तर पर तकलीफ पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, कहा कि सभी जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया जा चुका है, उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी को असुविधा हो तो तत्काल कंट्रोल रूम को सूचना दें, सभी जगह आपात स्थिति से निपटने की व्यवस्था की गई है, कहा कि मार्च माह अहम है। इसलिए हड़ताल खत्म करने की अपील है। बातचीत के लिए तैयार हैं, कुछ लोग बात सुनने को तैयार नहीं हैं, वे आंदोलन बढ़ान की बात कर रहे हैं, कई संगठनों ने हमारी बात को समझा, और जनहित में अलग रहने का फैसला लिया है, इसमें यूपी पावर आफिसर्स एसोसिएशन ने राष्ट्रभक्ति दिखाई है, उनके साथ लेखा कर्मचारी संघ, तकनीकी संघ सहित तमाम संगठनों ने हड़ताल से खुद को अलग करते हुए जनहित में दो घंटे अतिरिक्त काम करने का फैसला किया है, वहीं समिति के पदाधिकारियों की डालीबाग स्थित फील्ड हॉस्टल में सभा हुई, इसमें एलान किया गया, कि उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में देशभर के 27 लाख बिजलीकर्मी सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं, बिजली कर्मियों को गिरफ्तार किया गया, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ जेल भरो आंदोलन शुरू होगा, नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स(एनसीसीओईईई) के राष्ट्रीय संयोजक प्रशांत चौधरी ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ उत्तर प्रदेश की न होकर अब पूरे देश की हो गई है, वहीं पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल पी. रत्नाकर राव, ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरके त्रिवेदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से चलने वाली हड़ताल में बिजलीकर्मियों का किसी भी प्रकार से उत्पीड़न किया गया तो पूरे देश में उग्र आंदोलन शुरू होगा, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि वार्ता के दौरान ऊर्जा मंत्री कमेटी बनाने की बात कह रहे थे, लेकिन अब कमेटी का कोई मतलब नहीं है कुल मिलाकर देखा जाए तो सरकार व बिजली कर्मी आमने-सामने हैं ।