पवई, आजमगढ़। शिक्षा क्षेत्र पवई के बस्ती चक गुलरा गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के सभी कर्मचारियों ने आज कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कार्यरत पुरुष स्टाफ को निकाले जाने का तुगलकी फरमान जारी होने के बाद आज यहां सभी अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर सरकार के इस निर्णय का विरोध किया। कर्मचारियों ने तर्क देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों जैसे बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग आदि में पुरुष व महिला कर्मचारी एक साथ कार्य करते आ रहे हैं। महिला और पुरुष के आधार पर विभेद करना हम पुरुष कर्मचारियों के साथ अन्याय है। हम पुरुष कर्मचारी अपने परिवार व समाज को कैसे समझाएंगे कि हमें अपनी नौकरी से पुरुष होने के कारण निकाला गया है। हमारा पुरुष होना कोई अपराध है। यहां तैनात कर्मचारियों ने बताया कि यदि विद्यालय में पुरुषों की तैनाती नहीं होगी तो बालिकाओं की सुरक्षा कैसे होगी। विद्यालय में यदि पुरुष कर्मचारी नहीं होंगे तो महिलाएं बाहरी कार्यों को कैसे निपटाएंगी। पुरुष कर्मचारी न होने से गैस सिलेंडर सहित अन्य कार्य प्रभावित होंगे। बताते चलें कि कस्तूरबा विद्यालयों में लेखाकार चपरासी व चौकीदार पद पर पुरुषों की तैनाती की गई थी। इस मौके पर ममता गुप्ता, संघमित्रा सिंह, कंचन चौरसिया, रेनू गुप्ता, अरुण कुमार यादव, धरेंद्र कुमार, सुशील कुमार, विक्रम कुमार, बालिका देवी आदि लोग उपस्थित रहे।
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