माहुल, आजमगढ़। एक दशक से जर्जर व गढ्ढों में तब्दील अहरौला कप्तानगंज 21 किलोमीटर मार्ग को गड्ढा मुक्त करने के लिए सोमवार को बस्ती भुजबल बाजार में समाजसेवी लक्ष्मी चौबे के नेतृत्व में बाजार वासियों और क्षेत्र के ग्रामीणों ने एक बार फिर विरोध जताया है कारण की जरा भी बरसात होने पर पूरी सड़क चलने के लायक नहीं रह जाती बीते 2 दिनों से खराब मौसम के चलते हल्की बारिश से ही सड़क पर चलना लोगों का दुश्वार हो गया है। जबकि सालों से इसके चौड़ीकरण के लिए बात कही जा रही है और कई बार बजट को भी रिजेक्ट किया जा चुका है अभी हाल ही में मार्च के पहले सप्ताह में प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता संजीव कुमार ने बताया था कि कप्तानगंज अहरौला मार के लिए लगभग 56.52 करोड का बजट भेजा गया है जो जल्द ही स्वीकृत होकर सड़क का निर्माण शुरू किया जाएगा लेकिन मार्च बीत चुका अप्रैल भी बीत गया लेकिन अभी तक अहरौला कप्तानगंज मार्ग को लेकर स्थानीय लोग सवाल कर रहे हैं अबकी बार भी कप्तानगंज अहरौला मार्ग ऐसे ही गड्ढों में तब्दील रहेगा कि लोगों को राहत मिलेगी बरसात सन्निकट है जिसे देखते हुए लोग एक बार फिर उग्र हो गए जबकि प्रांतीय खंड के अधिकारियों की माने तो चौड़ीकरण के लिए वन विभाग बिजली विभाग के सर्वे कराए जा चुके हैं रिपोर्ट सम्मिट हो चुकी हैं बस बजट पास होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। बताते चलें 21 किलोमीटर मार्ग बीते एक दशक से बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील होकर पूरी तरह से जर्जर हो गया है यह राहगीरों के चलने लायक ही नहीं है लेकिन मजबूरी में लोग सड़क पर चलने को मजबूर हैं क्षेत्र के लोग लगातार गड्ढा मुक्त कराने के लिए कई साल से आंदोलन भूख हड़ताल कर रहे हैं लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेगीं जबकि कई बार पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सड़क पर भूख हड़ताल कर रहे लोगों को आश्वासन देने के लिए पहुंचे और मार्ग का भी निरीक्षण किया लेकिन बावजूद इसके भी सड़क मार्ग का निर्माण सिर्फ पर आश्वासन की घुट्टी कई सालों से पिलाई जा रही है जबकि इस मार्ग पर चलना लोगों के लिए दुर्घटना को दावत देने जैसा है और लोग दुर्घटनाग्रस्त भी हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन करने वालों ने बताया कि 2017 में भाजपा की सरकार बनी 17 से 2022 तक कई बार गड्ढा मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री के द्वारा आदेश पारित किया गया लेकिन फिर भी कप्तानगंज अहरौला मार्ग गड्ढा मुक्त नहीं हुआ फिर 2022 के बाद दुसरी बार भाजपा की सरकार बनी लेकिन आज तक कप्तानगंज अहरौला मार्ग ज्यों का त्यों जर्जर पड़ा हुआ है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर कप्तानगंज अहरौला मार्ग की इतनी उपेक्षा क्यों? कप्तानगंज अहरौला मार्ग जुलाई से पहले बनाए जाने की मांग की है नहीं तो बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। इस मौके पर समाजसेवी लक्ष्मी चौबे, राजेंद्र गुप्ता, राजू मोदनवाल, प्रमोद मोदनवाल, पंकज चौबे, मुस्ताक अहमद, जितेंद्र राय, डॉ राहुल तिवारी, गिरीश चौबे, मेवा लाल सोनी, गुड्डू चौबे, आदि लोग मौजूद रहे।