आजमगढ। चाइल्ड केयर क्लिनिक, सिधारी, आजमगढ़ द्वारा विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीडी सिंह ने बताया कि अस्थमा श्वसन तंत्र की बीमारी है, जिसकी शुरुआत एलर्जी से होती है। जिसके कारण श्वांस नली में सूजन हो जाती है, जिससे मरीज को श्वांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अस्थमा के मरीजों को चलने पर सांस फूलना, पूरा वाक्य न बोल पाना, बेहोशी की हालत होना, बार बार छींक आना, सोते समय घरघराहट या सीटी जैसी आवाज आना, बार बार सर्दी या जुकाम होना आदि लक्षण होते हैं। डॉ. डी.डी. सिंह ने कहा कि अस्थमा के बारे में भ्रांति है कि दमा दम से जाता है, परन्तु ऐसा नहीं है। यदि मरीज सावधानी पूर्वक परहेज का पालन करे तो सारी उम्र अस्थमा के झटके से सुरक्षित रह सकता है। डॉ. डीडी सिंह ने बताया कि प्रत्येक 20 बच्चों में से एक तथा प्रत्येक 30 वयस्कों में से एक को यह बीमारी होती है। स्त्रियों की तुलना में पुरुषों में दमा अधिकता से पाया जाता है। रोकथाम के बारे में डॉ. डी.डी. सिंह ने बताया कि मरीज को धूल, धुएँ से दूर रहना चाहिए। फूलों के पराग से बचना चाहिए। घर में सीलन नहीं होनी चाहिए। सोफे, तकिया, चादर आदि की नियमित सफाई होनी चाहिए। एकाएक धूप से आकर ठण्डा पानी नहीं पीना चाहिए। आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए। इस अवसर पर धर्मदेव सिंह, गोविंद कुमार, अभिषेक सिंह, संतोष, आयुष, सूर्यांश, अदिति, श्रेया, मनीषा आदि लोग उपस्थित रहे।
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