आजमगढ़। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में कल देर सायं कलेक्ट्रेट सभागार में जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण, में बाढ़ पूर्व तैयारी के क्रियान्वयन एवं आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण योजना को अद्यतन करनें हेतु बैठक की गयी। जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारी/तहसीलदारों का निर्देशित किया कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों, बन्धों आदि का समय के पूर्व विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर लें तथा स्थानीय स्तर पर चर्चा कर तैयारी बैठक आयोजित कर लें। उन्होने कहा कि संवेदनशील एवं क्षतिग्रस्त हुए बन्धों की मरम्मत आदि का कार्य अवश्य पूर्ण कर लिया जाय। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये वार्षिक कार्य योजना पूर्ण कर ली जाय। बाढ़ से प्रभावित होने वाले व्यक्तियों/परिवारों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने तथा राहत कैम्प के संचालन के लिये स्थान का पूर्व से ही चयन कर लिया जाये एवं जनरेटर तथा मेंडिकल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। राहत कैम्पों में एक व्यक्ति को रहने के लिये लगभग 3.5 वर्ग मीटर के अन्तर की आवश्यकता होती है, परन्तु वर्तमान में कोरोना महामारी के दृष्टिगत यह अन्तर लगभग 5 वर्ग मीटर का होना आवश्यक है, इसकी भी व्यवस्था सुनिश्चित करायें एवं साथ ही साथ हर राहत कैम्प में हाथ धोने एवं साफ सफाई पर भी विषेष ध्यान देना अति आवश्यक है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक राहत कैम्प की शेनेटाइजेशन दिन में दो बार अवश्य कराया जाये। उन्होने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नावों एवं नाविकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी तथा सघन समीक्षा कर उनका सही डिप्लायमेंट किया जायेगा। जनपद में उपलब्ध मोटरबोट/नावों की डिप्लायमेंट के उपरांत यदि अतिरिक्त मोटरबोट/नाव की आवष्यकता पड़ती है तो उसका आंकलन कर अपने सीमावर्ती जनपद अथवा आस-पास के जनपदों से समन्वय स्थापित कर आवश्यकतानुसार मोटरबोट/नाव की मॉंग की जायेगी एवं मांग की एक प्रति राहत आयुक्त कार्यालय को भी उपलब्ध करायी जायेगी। इस कार्य हेतु एक नोडल अधिकारी नामित किया जायेगा जो नायब तहसीलदार से अन्यून न हो। पशुओं के लिये पशुशाला, कैम्प के स्थान का पूर्व से ही चिन्हांकन कर लिया जाय, साथ ही सम्बन्धित विभाग से समन्वय स्थापित कर पशुओं के लिये चारे एवं भूसे की पर्याप्त व्यवस्था कर ली जाय। उन्होने बताया कि जनपद स्तर पर बाढ़ कंट्रोल रूम संचालित है, जिसका नं0-05462-220220 एवं 9454417172 है। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि औषधियों एवं विसंक्रमणों की उपलब्धता के अर्न्तगत जीवन रक्षक औषधि, ओआरएस, एन्टी स्नेक वेनम, ब्लीचिंग पाउडर, कारबोलिक एसिड आदि की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता होना जरूरी है।
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