अतरौलिया, आजमगढ। हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है जिसके क्रम में आज बुधवार को अमर शहीद राजा जय लाल सिंह 100 शैय्या अस्पताल में एक जागरूकता कैंप के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया, ताकि लोगों को इस गंभीर स्थिति के बारे में जागरूक किया जा सके। डॉ अमरेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि डायबिटीज होने पर हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। यानी डायबिटीज से जूझ रहे हर तीन लोगों में दो लोग हाई ब्लड प्रेशर का भी शिकार हो जाते हैं। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर में गहरा रिश्ता भी है। न सिर्फ इनके जोखिम कारक और कारण एक से हैं, बल्कि डायबिटीज की वजह से हाई ब्लड प्रेशर भी हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इंसुलिन प्रतिरोध और उच्च रक्त शर्करा का स्तर उन स्थितियों को जन्म दे सकता है, जो उच्च रक्तचाप का कारण बनती हैं। यह दोनों स्थितियां मिलकर एक व्यक्ति में दिल की बीमारी, स्ट्रोक और दूसरी जटिलताओं का खतरा बढ़ाती हैं। हालांकि, इन दोनों को लाइफस्टाइल में आसान बदलावों की मदद से कंट्रोल किया जा सकता है। चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके ध्रुव ने बताया कि हाइपरटेंशन को लेकर कई तरह के मिथक भी सुनने में आते हैं, जैसे कि जो लोग इससे जूझते हैं उनको पसीना बहुत आता है, चेहरा लाल रहता है, नींद आने में दिक्कत होती है या शांत रहना मुश्किल लगता है। इस दौरान अस्पताल परिसर में डॉक्टर मार्तंड सिंह के नेतृत्व में कई मरीजों का फिजियोथेरेपी के माध्यम से इलाज भी किया गया। इस मौके पर चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एसके ध्रुव, डॉक्टर हमीर सिंह, डॉ मुकेश गुप्ता, डॉ अमरेंद्र त्रिपाठी, डॉ राजन शर्मा, डॉक्टर संतोष, संजय मिश्रा, पंकज पांडे सहित लोग मौजूद रहे।
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