– उपज बढ़ोतरी के दृष्टि से प्रति हेक्टेयर सट्टे की सीमा में की गई बढ़ोतरी
अतरौलिया, आजमगढ़। जिला गन्ना अधिकारी आजमगढ़ अशर्फीलाल ने बताया कि पेराई सत्र 2023-24 के लिए 30 सितंबर तक नए सदस्य बनाए जा सकते हैं। अब 72 कुंटल के सट्टा धारक छोटे कृषक की श्रेणी में माने जाएंगे। भूतपूर्व सैनिकों, अर्धसैनिक, एव स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के विधिक उत्तराधिकारीयों के सदस्यों को अन्य की तुलना में गन्ना आपूर्ति में 1 जनवरी से 20 प्रतिषत की प्राथमिकता। प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी द्वारा पेराई सत्र 2023-24 के लिए गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी गई है। जिसके संदर्भ में चीनी मिलों को विस्तृत निर्देश दिया गया है। जिला गन्ना अधिकारी आजमगढ़ ने बताया कि प्रदेश की चीनी मिलों की पेराई क्षमता गन्ना उत्पादन तथा चीनी मिलों को गन्ने के उपलब्धता में संतुलन बनाए रखने के लिए नई सट्टा आपूर्ति नीति में कृषक हित में बदलाव किए गए हैं जिसमें मुख्य रूप से गन्ना कृषको की बढ़ रही प्रति हेक्टेयर की उपज को देखते हुए बढ़ोतरी की गई है। कुल सट्टे की सीमा उनकी भूमि जोत के अनुसार सीमांत कृषक एक हेक्टेयर तक या 850 कुंटल से बढ़ाकर 900 कुंटल तक लघु कृषक 2 हेक्टेयर तक 1700 कुंटल से बढ़ाकर 1800 कुंटल तक तथा बड़े कृषक 5 हेक्टेयर के लिए 4250 कुंटल से बढ़ाकर 4500 कुंटल की उपज बढ़ोतरी की दशा में सट्टे की अधिकतम सीमा सीमांत लघु एवं सामान्य कृषक हेतु क्रमशः 1350 कुंटल से बढ़ाकर 1400 कु तक, 2700 कुंटल से बढ़ाकर 2800 कुंटल तथा 6750 कुंटल से बढा कर 7000 कु तक निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि नई गन्ना आपूर्ति नीति के तहत छोटे किसानों को राहत देते हुए 60 कुंटल की जगह 72 कुंटल तक के किसान को छोटे कृषक के रूप में शामिल किया गया है। इन किसानों को चीनी मिल चलने के 45 दिन के अंदर गन्ना आपूर्ति की सुविधा मिल सकेगी ।उन्होंने बताया कि इस वर्ष की गन्ना सट्टा आपूर्ति में भूमि क्रय विक्रय के प्रकरण में बेसिक कोटा का स्थानांतरण, डीप बिधि से सिंचाई करने वाले किसानो को सट्टे में प्राथमिकता,सैनिकों भूतपूर्व सैनिकों स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को गन्ना आपूर्ति में प्राथमिकता, उत्तम गन्ना कृषकों को उपज बढ़ोतरी के प्रार्थना पत्र निशुल्क देने की सुविधा तथा सट्टा धारक सदस्य कृषकों की पेराई सत्र के दौरान मृत्यु होने पर सट्टा चालू रखने जैसे अन्य प्रावधान भी किए गए हैं। गन्ना समितियों में 30 सितंबर तक ही नए सदस्य बनाए जाएंगे।