आजमगढ़। तहसील निजामाबाद में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज के द्वारा जनपद के 10 किसानों को रागी के मिनीकिट वितरित किए गए। जिलाधिकारी द्वारा रागी फसल के लाभ एवं खेती करने की तकनीक को भी साझा किया। उन्होने बताया कि रागी में कैल्शियम की मात्रा सर्वाधिक पायी जाती है, जिसका उपयोग करने पर हड्डियां मजबूत होती है। रागी बच्चों एवं बड़ों के लिये उत्तम आहार हो सकता है। प्रोटीन, वसा, रेशा, व कार्वोहाइड्रेट्स इन फसलों में प्रचुर मात्रा में पाये जाते है। महत्वपूर्ण विटामिन्स जैसे थायमीन, रिवोफ्लेविन, नियासिन एवं आवश्यक अमीनों अम्ल की प्रचुर मात्रा पायी जाती है, जोकि विभिन्न शारीरिक क्रियाओं के लिये आवश्यक होते है। रागी युक्त आहार कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है। कैल्शियम व अन्य खनिज तत्वों की प्रचुर मात्रा होने के कारण ओस्टियोपोरोसिस से संबंधित बीमारियों तथा बच्चों के आहार (बेबी फुड) हेतु विशेष रूप से लाभदायक होता है। बीज की मात्रा बुवाई की विधि पर निर्भर करती है। यदि रागी की बुवाई ड्रिल विधि से की जाएगी तो बीज की मात्रा 10-12 किलो प्रति हेक्टेयर की दर आवश्यकता होगी। छिडक़ाव विधि से बोने के लिए बीज की मात्रा 5 किलो बीज प्रति हेक्टेयर की दर से लगता है। बीज को उपचारित करने के लिए बाविस्टीन या कैप्टन दवा उपयोग करें। रागी की बुवाई मई के आखिर से जून तक काफी भी कर सकते है। रागी फसल के लिए अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। अगर वर्षा सही समय पर नहीं हुई तो बुवाई के एक महीने के बाद फसल की सिचाई करें। फसल पर फूल और दाने आने पर पर्याप्त नमी की आवश्यकता होती है। सामान्यतः 10 से 15 दिन के अंतर पर फसल की सिचाई करें। रागी की फसल के लिए 40 से 45 किग्रा नाइट्रोजन एवं 30-40 किग्रा, फॉस्फोरस तथा 20-30 किग्रा पोटाश/हैक्टर की दर जरुरत पड़ती है। सभी खादों का मिश्रण बनाकर बुवाई के समय खेत में डालें। सामान्यतः फसल तक़रीबन 115-120 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। रागी की बालियों को दराती से काट कर ढेर बनाकर धुप में 3-4 दिनों के लिए सुखाएं। अच्छी तरह से सूखने के बाद थ्रेशिंग करें। रागी की फसल से औसतन पैदावार 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो जाती है। जिसका बाजार भाव करीब 3000 रूपये प्रति क्विंटल के आसपास मिल जाता है। इस हिसाब किसानो को 75 हजार रूपये तक की कमाई हो सकती है। किसान जनपद स्तर पर उप कृषि निदेशक के मोबाइल नंबर 07839882451/ 8840910972 पर बीज एवं अनुदान के विषय में जानकारी कर सकते हैं।