देवगांव, आजमगढ। जश्न राक़िम आज़मी के अवसर पर आल इंडिया मुशायरा एवम कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें शायरों ने अपनी कविता से श्रोताओं के दिल जीत लिए। प्रोग्राम का आरंभ शकील मुबारक पूरी की नात,,, जो गया अर्श पर ज़ीशान बड़ा प्यारा है, रब अकबर का वोह मेहमान बड़ा प्यारा है। क्यों न ताजीम करें सारे ज़माने वाले, अर्ज़ तैयबा का वोह सुल्तान बड़ा प्यारा है। नसीम साज ने सुनाया, आज तबियत भारी भारी लगती है, शायद यह दिल की बीमारी लगती है। उसकी शोहरत मां से मिलती जुलती है, बेटी हमारी कितनी प्यारी लगती है। अफ़ज़ल इलाहाबादी ने सुनाया मेरी मिट्टी में है नमक ऐसा जो फज़ाओं में घुल नहीं पाता, बे सबब आप मुझसे बरहम न हों हर किसी से मैं मिल नहीं पाता। साहिल इलाहाबादी ने कहा,,,,,,सर पर झूठ की दस्तार रहेगी कब तक, यह बता रेत की दीवार रहेगी कब तक। हमने फिरौन, शाद्दाद को मिटते देखा, देखते हैं तेरी सरकार रहेगी कब तक। इनके अलावा हास्य व्यंग के शायर अय्यूब वफ़ा, अंतर्राष्ट्रीय कवि शादाब आज़मी, अंतर्राष्ट्रीय कवि राकीम आज़मी, अनिल कुमार अनील, कविता शाहीन, प्रतिभा यादव बलियावी, अख्तर इलाहाबादी ने अपनी, अपनी कविता से श्रोताओं का मन मोह लिया। अध्यक्षता, मुमताज़ कुरैशी ने की, संचालन, नसीम साज ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉक्टर मोहसिन, डॉक्टर फैसल, डॉक्टर इकराम, नुमान अहमद सी ए, अब्दुल्लाह, अबू शाहमा, अंसार अहमद, तबरेज़ अहमद, मिर्ज़ा साजिद बेग, शमशाद अहमद, तलहा, समेत बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद थे। अन्त में ग्राम प्रधान आँवक जाहिद अहमद ने आए हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
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