बलिया –
रील और रियल लाइफ में सबकुछ अलग होता है जी हां जो तक मीडिया के सामने जानकी ब्यान दे रही थी कि मेरा खोया हुआ मोती मिल गया वहीं जानकी 24 घंटे बाद बतलाई की हमारे पति का आपने हुआ था जो इनके पेट पर नहीं है।
बरहाल शोसल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद नगरा थाना क्षेत्र अंतर्गत निकला मोती जिस मोती से सरेआम लिपट गई जानकी,सजल नेत्रों से देखते रहे लोग वही जानकी अब कह रही है कि हमारे पति से चेहरा मिल रहा है मगर आपरेशन इनका नहीं हुआ है।
हालांकि काफी भीड़ दरवाजा पर इकट्ठा हो गए व्यक्ति को देखने के उस समय तक सभी सहमत थे कि यही व्यक्ति महिला का पति है. लेकिन अगले दिन महिला ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया. कहा कि यह आदमी उसका पति नहीं है,महिला ने बताया कि उसके पति मोतीचंद अपने दिमाग का इलाज कराने के लिए नेपाल गए थे और वहीं से लापता हो गए थे.हमने इस आदमी को अस्पताल के बाहर देखा तो हमें भ्रम हो गया कि यही मेरा पति हैं. लेकिन घर लाने के बाद उसे नहलाया धुलाया.इस दौरान उसके पति की पहचान वाले दाग नहीं दिखे तो महिला ने कहा कि उसे पहचानने में गलती हो गई है. वहीं, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि उनके गांव में रहने वाले मोतीचंद करीब 10 साल पहले लापता हो गए थे. उनकी पत्नी कल जिला चिकित्सालय गई थी. वहां उसने पति की शक्ल सूरत वाले आदमी को देखा तो उसे उठाकर घर लेती आई. कहा कि यह उसके पति हैं. गांव वालों से भी पहचान कराई गई. उस समय सभी लोग मान लिए कि चेहरा मिलता है।
ऐसे में हजाम बुलाकर दाढी बनवाई गई. तब चेहरा कुछ अलग नजर आया. इसके बाद महिला के पति के ऑपरेशन का दाग चेक किया गया. इससे कंफर्म हो गया कि यह आमदी महिला का पति नहीं है. बाद में पूछताछ किया गया तो पता चला कि यह आदमी मोतीचंद नहीं बल्कि नगरा थाना क्षेत्र में सिकराटांड गांव निवासी राहुल है. इसके बाद उसके परिजनों को बुलाकर उसे सौंप दिया गया. उधर, राहुल के परिजनों ने बताया कि वह करीब एक महीने से लापता था. पुलिस में गुमशुदगी भी दी, लेकिन पुलिस तलाश नहीं कर पायी.
हर कोई यही कहता रहा ये रिश्ता क्या कहलाता है।
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