बलिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) 2020 के तीन वर्ष पूरे होने पर जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के सभागार में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन का शिक्षा पर प्रभाव’ विषयक एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थी हित में है। यह नीति विद्यार्थियों के लिए अध्ययन को सुगम बनाने के साथ ही उनमें व्यावसायिक कौशल का भी विकास करती है। बहुस्तरीय प्रवेश की व्यवस्था से बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों को फिर से पढ़ने का अवसर प्राप्त होता है। मातृभाषा में शिक्षण पर बल देने से प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों को पढ़ाना, समझाना सुगम हो जाता है। निदेशक, शैक्षणिक डाॅ. पुष्पा मिश्रा ने एनइपी की व्यावहारिक पक्ष पर बल दिया। कहा कि यह नीति विद्यार्थियों को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर उन्हें कार्यक्षम बनाती है। डाॅ. अजय चौबे, सह आचार्य, अंग्रेजी ने कहा कि एनइपी से विद्यार्थियों के अंदर सुप्त प्रतिभा को उजागर करने में मदद मिली है। विद्यार्थी अपने विषय से इतर विषय में भी विशेषज्ञता प्राप्त कर सकता है।संचालन डाॅ. प्रमोद शंकर पाण्डेय एवं धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव एस एल पाल ने किया। इस अवसर पर डाॅ. प्रियंका सिंह, डाॅ. विनीत सिंह, डाॅ. स्मिता, डाॅ. संदीप, डाॅ. नीलमणि आदि प्राध्यापक और परिसर के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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