– सर्वोच्च न्यायालय ने पटना उच्च न्यायालय के आदेश को सही ठहराते हुए दिया आदेश
बेतिया। पश्चिम चम्पारण के बेतिया मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत बहुचर्चित करनेमया कांड में हुए दो पक्षों के साम्प्रदायिक विवाद के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी दिलीप कुमार के किए कार्यवाही को लेकर पीड़ित अधिवक्ता ब्रजराज श्रीवास्तव के दायर परिवाद पर पटना उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखते हुए देश की सर्वोच्च न्यायालय ने भी तत्कालीन जिलाधिकारी पर अपराधिक मुकदमा चलाए जाने का आदेश दिया है।
न्यायालय का आदेश आने के बाद पीड़ित अधिवक्ता ब्रजराज श्रीवास्तव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 2008 में बहुचर्चित करनेमया कांड को लेकर एक शांति समिति की बैठक समाहरणालय में आयोजित की गई थी, जिसमें धार्मिक आहत और भड़काने वाले पर कार्यवाही के प्रश्न पूछे जाने पर जिलाधिकारी भड़क गए और मुझे व विजय कश्यप को अन्य कक्ष में बैठा दिया गया। जहाँ हमपर कई गंभीर आरोप लगाकर मारपीट, गाली-गलौज किया गया। जिसपर जिला को धैर्य रखने का निवेदन करने को कहा ही था कि उन्होंने हमें हथकड़ी लगाकर नगर थाना के हाजत में बंद करवा दिया। हाजत में सिपाहियों से बंदूक के कूंदा से पिटवाने के बाद नियम विरूद्ध तरीके से तत्कालीन जिलाधिकारी ने हम दोनों को अर्द्ध रात्रि 12 बजे जेल भेज दिया।
अधिवक्ता ने आगे बताया कि इस घटना को लेकर मेरे द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, व्यवहार न्यायालय, बेतिया के यहाँ परिवाद पत्र संख्या 2260/2008 दायर कर न्याय की गुहार लगाई गई थी। जिस परिवाद को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने 18 सितम्बर 2008 को खारिज भी कर दिया था। जिसकी चुनौती जिला जज के न्यायालय में भी दी गई थी, परन्तु जिला जज ने भी उसे खारिज कर दिया था। तब खारिज किए जाने के विरूद्ध में पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया था, जिसमें पटना उच्च न्यायालय ने बड़ी राहत देते हुए जिला अदालत के फैसले को निरस्त कर अपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश पारित किया था।
उन्होंने आगे बताया कि पटना उच्च न्यायालय के आदेश के विरूद्ध तत्कालीन जिलाधिकारी दिलीप कुमार सर्वोच्च न्यायालय चले गए, जहाँ लगभग 13 वर्षों के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 26 जुलाई 2023 को क्रिमिनल अपील 561/2012 में जिला अदालत के फैसले को निरस्त करते हुए पटना उच्च न्यायालय के फैसला को सही ठहराते हुए पश्चिम चम्पारण के तत्कालीन जिलाधिकारी दिलीप कुमार पर मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
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