महराजगंज, आजमगढ़। ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने वालों को सबक सिखाने और अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए कभी कभी कुछ ऐसी घटना घट जाती है जो यह सोचने पर मजबूर करता है कि ब्रम्हांड के प्रत्येक सजीव व निर्जीव को सुव्यवस्थित व नीयत क्रम चलाने वाली कोई शक्ति तो विद्यमान है जो हर एक कड़ी को बांधे हुए है। ऐसा ही एक मामला महराजगंज ब्लाक के आराजी बैरिया से कल शाम को देखने को मिला। बतादे कि सरोज गुप्ता पत्नी रामचंदर गुप्ता निवासी मंन्धुरगंज थाना जहांगीरगंज जिला अम्बेडकर नगर पारिवारिक कलह के कारण बिडहर मे घाघरा नदी पर बने पुल से आत्महत्या के नीयत से छलांग लगा दिया परन्तु जीवित अवस्था मे वह 25 किलोमीटर दूर आजमगढ़ जिले के आराजी बैरिया मे नदी के किनारे मिली। जिसे गांव वालों ने देखा और ग्राम प्रधान रामजीत यादव को इसकी सूचना दी। ग्राम प्रधान ने गांव की महिलाओं की मदद से उसके कपडे बड़वाये तथा स्थानीय पुलिस को सूचना दी तत्पश्चात उसके परिवार वालों को बुलाकर पुलिस की देखरेख मे परिवार को सुरक्षित सुपुर्द कर दिया। महिला से पूछने पर उसने बताया कि पारिवारिक कलह के कारण वह आत्महत्या की नीयत से 2 बजे रात को घाघरा नदी के बिडहर घाट पुल से छलांग लगा दी फिर उसे कुछ याद नहीं कि वह 25 किलोमीटर दूर कई किनारे पर पहुंची जबकि उसने बताया उसे तैरना भी नहीं आता। यह घटना उस मुहावरे को चरितार्थ करता है कि “जाको रखे सईया मर सकै ना कोय“