स्वतंत्र भारत से वरुण सिंह 

आजमगढ़ के कलेक्ट्रेट स्थित महा पंडित राहुल सांकृत्यायन की प्रतिमा उपेक्षा की शिकार बनी हुई है, जिम्मेदार प्रतिमा की साफ सफाई पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, प्रतिमा पर पीपल के पेड़ के साथ ही घास जम गई है, लेकिन जिम्मेदार कभी भी साफ सफाई नहीं करते हैं, बता दें कि पंडित राहुल सांकृत्यायन को महापंडित की उपाधि दी जाती है, हिंदी के एक प्रमुख साहित्यकार थे, वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद् थे, और बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत/यात्रा साहित्य तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए, वह हिंदी यात्रासाहित्य के पितामह कहे जाते हैं, बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिंदी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था, इसके अलावा उन्होंने मध्य-एशिया तथा कॉकेशस भ्रमण पर भी यात्रा वृतांत लिखे जो साहित्यिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं, ऐसे में राहुल सांकृत्यायन जी की प्रति मां प्रतिमा की अपेक्षा से उनके अनुयायियों काफी व्यथित हैं