– वकीलों के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए अभियान शुरू करेगा- एआईएलएजे
बेतिया। ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस की हुई बैठक गेस्ट हाउस बेतिया में सम्पन्न हुई। बैठक के मुख्य अतिथि बैंगलोर हाईकोर्ट के अधिवक्ता सह ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस के महासचिव क्लिफ्टन डी. रोजारियो ने कहा कि आज न्यायालयों में लगभग 80 प्रतिशत अधिवक्ता, दो साल के अभ्यास के अनुभव के साथ, केवल 5,000 से 15,000 रुपये के बीच मासिक कमाते हैं। दलित, आदिवासियों और अन्य सामाजिक रूप से वंचित वर्गों की महिला अधिवक्ताओं और अधिवक्ताओं को अवसरों और भेदभाव का सामना करना पड़ता है, और यह न्यायपालिका में उनकी अनुपस्थिति में प्रकट होता है।

आगे कहा कि एआईएलएजे ने भारत के मुख्य न्यायाधीश और बीसीआई को मांग पत्र सौंप कर जूनियर अधिवक्ताओं, प्रथम पीढ़ी के अधिवक्ताओं, महिला अधिवक्ताओं और दलित, आदिवासियों और अन्य सामाजिक रूप से वंचित वर्गों के अधिवक्ताओं के भेदभाव और बिगड़ती स्थिति को देखते हुए बीसीआई को एक व्यापक कल्याण योजना को तैयार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिसमें इन वर्गों के प्रति वित्तीय सहायता और विशेष सुरक्षा शामिल हैं उन्होंने कहा कि हर कोर्ट परिसर में “लिंग संवेदनशीलता और यौन उत्पीड़न के खिलाफ समिति का गठन किया जाए, साथ ही मांग की है कि पुलिस और अन्य राज्य एजेंसियों से शारीरिक उत्पीड़न, हत्या, अवैध गिरफ्तारी और धमकियों के बढ़ते उदाहरणों का ध्यान लेने के लिए एक वकील संरक्षण कानून लागू किया जाए। आगे कहा कि बिहार में भी राजस्थान सरकार की तर्ज पर अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम पारित करने की मांग को दुहराए।
बैठक में मुख्य तौर पर वरिष्ठ अधिवक्ता अब्दुल हई अख्तर, प्रमोद गुप्ता, गणेश गुप्ता, तनवीर अख्तर, कमलेश कुमार वर्मा, विजय बहादुर सिंह, चन्द्र देव राम, जमील अहमद, सर्वेर्न्द यादव, दिनेश प्रसाद, शशिभूषण श्रीवास्तव, इम्तियाज आलम, अजय यादव, अशोक कुमार, दिनबन्धू पासवान, आदित्य स्वरूप, विनोद कुमार, रेयाजूल अंसारी, कमलेश यादव, अजय कुमार राय, धर्मरत रवि आदि अधिवक्ताओं ने भी जिले से जुड़े सवालों को रखा और राज्य और केंद्र स्तर पर मौजूद सवालों पर आंदोलन खड़ा करने का संकल्प लिया।