बेतिया। पश्चिम चम्पारण के बेतिया महिला थाना के अवर निरीक्षक ललन उपाध्याय का रिश्वत लेते हुए विडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जहाँ वो एक महिला से उसके द्वारा दहेज अधिनियम के तहत दर्ज मामले में कांड दैनिकी (केश डायरी) लिखने को लेकर पीड़ित के घर पर बैठकर रिश्वत ले रहे हैं। विडियो वायरल होने के बाद जिला में पुलिस का अमानवीय चेहरा और घुसखोरी की चर्चा चरम हो गई है। वायरल विडियो को देखने के बाद लोगों ने यह कहना भी शुरू कर दिया है कि बिना रिश्वत लिए पुलिस कहाँ किसी का काम करती है? ऐसे में बेतिया पुलिस की छवि दांव पर लग गई है कि क्या वाकई बिना पैसों (रिश्वत) के पुलिस आम जनता और पीड़ितों का काम नहीं करती है। बहरहाल पूरा मामला जांच का विषय है कि आखिर महिला थाना के अवर निरीक्षक ललन उपाध्याय कांड दैनिकी लिखने को कब, कितना और क्यों रिश्वत लिए हैं?
वायरल विडियो की पड़ताल से पता चला है कि कृश्चयन क्वार्टर, बढ़ई टोला, वार्ड नंबर 06 के जुलियस रिचर्ड की बेटी निधि जुलियस ने महिला थाना में दहेज अधिनियम के अंतर्गत कांड संख्या 29/2023 दर्ज कराया था। जिसके अनुसंधानकर्ता ललन उपाध्याय हैं। जो कि पीड़ित निधि जुलियस से बोलते रहे हैं कि तुम जब तक एक पैसा नहीं दोगी तब तक तुम्हारे पक्ष में केश डायरी नहीं लिखा जाएगा। जिसपर थक हार कर निधि ने पैसों का व्यवस्था कर 12000 रुपया अपने घर पर अनुसंधानकर्ता ललन उपाध्याय को बुलाकर बड़ी ही प्रेम और इज्जत के साथ दिया, जिसका फोटो विडियो भी बना लिया। वहीं पीड़िता ने अनुसंधानकर्ता पर आरोप लगाया है कि 12 हजार रुपया लेने के बाद भी अवर निरीक्षक ललन उपाध्याय ने उसके पक्ष मे नहीं लिखा, जिससे उसको न्याय नहीं मिल सका।
पूरे प्रकरण को लेकर एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ वर्ल्ड के चेयरमैन ने पुलिस अधीक्षक बेतिया को पत्र लिखकर पूरे मामलों से अवगत कराया है और भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी में लिप्त दोषी अधिकारी पर कार्यवाही करने का निवेदन किया है। साथ ही पत्र के माध्यम से पीड़ित निधि जुलियस को उचित न्याय दिलाने की मांग भी की है।
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