– पहनें पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े, करें मच्छरदानी का प्रयोग
– घर के आस–पास रखें साफ सफाई
– जल जमाव न होने दें, मच्छरों के स्रोतों को करें नष्ट
बलिया,19 सितम्बर 2023
जनपद के सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर डेंगू के इलाज की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे में लक्षण दिखते ही मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाएं। डेंगू के मरीजों के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्तर पर जिला अस्पताल में 10 बेड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पांच-पांच बेड एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो-दो बेड आरक्षित किये हैं। यह कहना है वेक्टर बॉर्न डिजीज के नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक मिश्रा का।
उन्होंने बताया कि जिले में डेंगू नियंत्रण के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। डेंगू से डरने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। लक्षण नजर आते ही अगर अस्पताल की सेवाएं ली जाएं तो बीमारी को गंभीर होने से बचाया जा सकता है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के मरीज, गर्भवती आदि डेंगू के लक्षण दिखते ही अविलंब अस्पताल की सेवा लें। ऐसे मरीजों में डेंगू के कारण जटिलताएं बढ़ने की आशंका रहती है। उन्होंने कहा कि वैसे तो डेंगू एक साधारण बीमारी है, लेकिन इलाज में लापरवाही से यह गंभीर रूप ले सकती है। अगर अचानक तेज बुखार, सिर दर्द, हड्डियों में दर्द के साथ आंखों के पीछे तेज दर्द हो तो मरीज को डेंगू की जांच अवश्य करानी चाहिए। बुखार की स्थिति में चिकित्सक की सलाह पर ही दवा लेनी चाहिए है। दर्द निवारक एवं खून पतला करने वाली दवा का सेवन बिल्कुल नहीं करना है। इसलिए डेंगू का लक्षण दिखने पर त्वरित इलाज होना जरूरी है।
डॉ अभिषेक ने कहा कि लोगों में यह भ्रम है कि डेंगू के हर मरीज को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है। किसे प्लेटलेट चढ़ना है और किसे नहीं यह संक्रमण के स्तर पर निर्भर करता है। अगर मरीज सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर आता है तो उसे प्लेटलेट चढ़ाने के लिए या गंभीर स्थिति में ही जिला अस्पताल रेफर किया जाता है। उन्होंने कहा कि हर किसी को प्रयास करना चाहिए कि मच्छरों से बचाव करें। इसके लिए जल जमाव न होने दें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें और मच्छरदानी का इस्तेमाल नियमित करें। इसके बाद भी अगर डेंगू का लक्षण नजर आ रहा है तो तत्काल नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि जिले में इस साल अभी तक डेंगू से किसी की मृत्यु नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों पर एनएस-1 जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर सैंपल जिला अस्पताल मंगाया जाता है और जब एलाइजा टेस्ट भी कंफर्म हो जाता है, तो उसे पुष्ट डेंगू मानते हैं। निजी अस्पतालों से भी कहा गया है कि अगर उनके यहां डेंगू के मरीज निकल रहे हैं तो स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करें ताकि शीघ्र जांच कर मरीज की पुष्टि की जा सके।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की जनपद स्तरीय एवं ब्लाक स्तरीय रैपिड रिस्पांन्स टीम द्वारा निरोधात्मक कार्रवाई के साथ जनजागरूकता, स्वास्थ्य शिक्षा, सोर्स रिडक्शन, ज्वर पीड़ित मरीजों के रक्त नमूनों की जाँच, ब्लीचिंग पाउडर, नालियों में लार्वी साइडल का छिड़काव किया जा रहा है। जहां कहीं से भी डेंगू के केस निकलने की सूचना प्राप्त हो रही है, वहां मच्छरों के स्रोतों को नष्ट करने की कार्रवाई भी की जा रही है।
*खानपान पर दें ध्यान –* उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार की स्थिति में मरीज को पूरी तरह से आराम करना चाहिए, अधिक से अधिक तरल पदार्थों जैसे ताजे फलों का जूस, दाल का पानी, नारियल पानी, ओ आर एस घोल, दूध- छाछ, ताजे फल, प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करने वाली खाद्य पदार्थों आदि का सेवन करना चाहिए, तले भुने, गरिष्ठ भोजन, दर्द निवारक दवाओं आदि से बचना चाहिए।
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