स्वतंत्र  भारत से टीपी श्रीवास्तव की रिपोर्ट, (जीयनपुर) आजमगढ़ । सगड़ी तहसील के पास में हाईवे पर जिला पंचायत से बनी नाली के गड्ढे में गिरी गाय तड़प तड़प कर मर गई, लेकिन सरकारी डॉक्टर से लेकर सरकारी अमला तक गाय का इलाज करने की जरूरत नहीं समझी, अलबत्ता गड्ढे में गिरी गाय को कुछ स्थानीय पत्रकार टीपी श्रीवास्तव व राजेंद्र मौर्य व कुछ सामाजिक लोग गाय को निकलने का प्रयास किया, लेकिन जब गाय को गड्ढे से नहीं निकाल पाए, तो दोनों लोगों ने जीयनपुर नगर पंचायत अध्यक्ष को फोन किया, और अध्यक्ष के प्रयास से गाय को किसी तरह से गड्ढे के बाहर निकला गया, इसके बाद एक पशु डॉक्टर ने आकर गाय को एक सुई लगाकर चले गए, और 24 घंटे बीच जाने के बाद अन्य इलाज न मिलने के कारण गाय की मौत हो गई, अब मरी गाय सड़क के किनारे पड़ी है, और प्रशासन उसको गड्ढे में दफनाने का कार्य नहीं कर रहा है, अगर गड्ढे में गाय को दफनाया नहीं गया, तो उसमें  सड़न होगी, और आने आने जाने वाले लोगों को बदबू का सामना करना पड़ेगा, बता दें कि प्रदेश सरकार आवारा पशुओं के संरक्षण के लिए जहां गौशाला का निर्माण कराया है, वहीं इस समय आवारा पशुओं को अभियान के तहत पड़कर गौशाला में भिजवाने का अभियान चल रहा है, यही नहीं अगले हफ़्ते प्रमुख सचिव भी जनपद में आए थे, और लंबी-लंबी बातें करके गए थे, उन्होंने अपने बयान में कहा था कि मैं पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से आया हूं, और लखनऊ से लेकर यहां तक कोई भी आवारा पशु दिखाई नहीं दे रहे हैं, उन अधिकारी महोदय के बयान को भी यह मरी गाय आइना दिखा रही है, बरहाल जो भी हो कहीं ना कहीं तहसील के पास मेरी गाय तहसील प्रशासन को सोने के लिए भी मजबूर कर रही है ।