स्वतंत्र भारत से वरुण सिंह की रिपोर्ट

लखनऊ/आजमगढ़ । साइबर अपराधियों को जेल के शिकंजे में पहुंचने वाले अपर पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम मुख्यालय लखनऊ प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह व अपराधियों के दुश्मन आजमगढ़ के तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के निर्देशन में आजमगढ़ की पुलिस ने मऊ जनपद के दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, यह दोनों अपराधी अब तक 200 से ज्यादा लोगों  के साथ करोड़ों रुपए की साइबर क्राइम ठगी कर चुके हैं, पुलिस ने उनके पास से 7 मोबाइल, 24 चेक बुक, 11 एटीएम कार्ड, वेबसाइट यूजर डेटा सहित अन्य सामान बरामद किया है, इनके द्वारा बिटबुल क्वाइन्स नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर इन्वेस्टमेंट व क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर करीब 200 लोगों से करोडो रूपये की ठगी की घटना को अंजाम दिया गया है, पुलिस के मुताबिक, 3 नवम्बर को दुर्गादत्त मौर्या, निवासी जहानागंज ने साइबर क्राइम थाने में प्रार्थना पत्र दिया कि बिटबुल क्वाइन्स नाम से वेबसाइट बनाकर इन्वेस्टमेंट व क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर फर्जी कागजात दिखाकर मेरे व अन्य साथियों के साथ मिलकर लगभग 30 लाख की साइबर धोखाधड़ी की गयी हैं, पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी, विवेचना के दौरान 4 आरोपियों को अपराध में शामिल होना पाया गया। शनिवार को निरीक्षक विमल प्रकाश राय के नेतृत्व में मोबाइल सर्विलांस के जरिये मुकदमे में संलिप्त आरोपी संतोष कुमार पुत्र रमेश चन्द्र निवासी ग्राम कसारा थाना कोपागंज व सूर्यभान गौतम पुत्र श्री प्रसाद निवासी ग्राम मर्यादपुर को गिरफ्तार किया गया, अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है, पुलिस के पूछताछ में यह तथ्य सामने आया कि गिरफ्तार संतोष कुमार पूर्वांचल डिजायर सिटी प्राइवेट लिमिटेड, पूर्वांचल एग्रो प्राइवेट लिमिटेड नाम से अपना रियल स्टेट व् एग्रो का व्यापार लखनऊ में रहकर करता था, अपने फर्म में पैसा लगाने के लिए उसने बिटबुल क्वाइन नाम से फर्जी वेबसाइट बनवाकर इन्वेस्टमेंट व क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर लोगों से पैसा अपने विभिन्न बैंक खातों में जमा कराया था, और लोगों को विभिन्न होटलों में वर्कशॉप के लिए बुलाते थे उसमे उन्हें इंवेस्टमेंट प्लान, 2 परसेंट 365 दिन तक लगभग 3 गुना पैसा का लालच देते थे, लोगों को बिटबुल क्वाइन की यूजर आईडी देकर फेक लाभ और हानि का डैशबोर्ड दिखाते थे, इस अपराध में इनके मैंनेजर सूर्यभान, टीम लीडर धनज्जय कुमार व अरुण कुमार सहयोग करते थे, इन लोगों के द्वारा अबतक लगभग 200 लोगों से करोड़ो रूपये की साइबर ठगी की जा चुकी है, यह साइबर अपराधी टेक्निकल सपोर्ट दिल्ली के इंजीनियर से लिया करते थे ‌‌।