पवई ( आजमगढ़ ) । पवई ब्लाक के खंडौरा स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खंडहर में तब्दील हो गया है । इसकी देखरेख विभाग के द्वारा नही हो पा रहा है । फार्मासिस्ट के भरोसे अस्पताल चल रहा है । ग्रामीणों ने तत्काल अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की मांग उच्चाधिकारियों से किया है । यहां पर एक डॉक्टर फार्मासिस्ट लैब सहायक वार्ड ब्वाय और स्वीपर चार स्टाप की नियुक्ति इस स्वास्थ्य केन्द्र पर हैं। लेकिन फर्मासिस्ट के अलावा यहां कोई स्टाप नहीं मिलता। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दरवाजा, खिड़की गायब है । इस आवासीय स्वास्थ्य केन्द्र पर किसी के न रहने पर यहां आवासों में आवारा जानवर और असामाजिक तत्वों का निवास का अड्डा बन गया है। दो दशक पूर्व में इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया गया था। यहां पर डाक्टर और स्टाप की नियुक्ति तों होती है। लेकिन स्टाप नियुक्ति करवाकर यहां आना नहीं चाहते हैं। यहां फ़रमा सिस्ट के शिवा कोई स्टाप नहीं आता। सारी जिम्मेदारी फर्मासिस्ट भूपेन्द्र तिवारी निभाते हैं। डाक्टर के बराबर न मिलने पर ग्रामीण प्रशासन को कोसते हुए झोला छाप डॉक्टर से अपना इलाज करवाने के लिए मजबूर हो कर चले जाते हैं। अस्पताल जब खुला था तो आस-पास के आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों को आस जगी थी कि अब हमलोगों को अच्छा इलाज अपने क्षेत्र में ही मिलेगा। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता से यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार है। जिले की अन्तिम सीमा 70कीलोमीटर दूर  अस्पताल होने की वज़ह से यहां पर अधिकारियों का आना जाना नहीं होता है । जिससे  यहां पर डाक्टर हमेशा नदारत रहते हैं। डाक्टर के न रहने के कारण पूरा स्वास्थ्य केन्द्र खन्डहर में तब्दील हो गया है ।  इस सम्बंध में  पवई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ हुब लाल सरोज का कहना है कि अतिरिक्त प्राथिमक स्वास्थ्य केंद्र खंडौरा पर तैनात डॉक्टर चंद्रशेखर बिंद को कई बार हिदायत दी गयी है ,लेकिन तैनात डॉक्टर की आदत में सुधार नही हो रहा है । इस क्षेत्र के रीना ,मीना ,गीता ,सरोज ,राम केवल ,सूरज राम ,राम लाल आदि का कहना है कि डॉक्टर के न आने से ग्रामीणों को अस्पताल लाभ नही मिल पा रहा है । ग्रामीणों ने  अस्पताल की व्यवस्था तत्काल सुधारने की मांग उच्चाधिकारियों से किया है ।