माहुल (आजमगढ़)। गुरुवार को बनरहियां फत्तेपुर गांव निवासी एक किसान की राजकीय पशु चिकित्सालय पर ईलाज में लापरवाही के चलते सप्ताह भर में दो भैंसों की मौत हो गई । जिससे आक्रोशित दो दर्जन से ज्यादा पशुपालक किसान राजकीय पशु चिकित्सालय अहरौला पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने लगे, और पीड़ित पशुपालक किसान के साथ धरने पर बैठ गये । इस दौरान फोन कर समस्या से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया। इस दौरान बनरहियां गांव के पशुपालक किसान कन्हैया सिंह काफी संख्या में दुधारू पशु पालन किये हुए हैं, कन्हैया सिंह ने बताया की एक हफ्ता पहले ईलाज के अभाव में उनकी लगभग सवा लाख कीमत की भैंस जो बीमारी के चलते मर गई, उसका इलाज करने के लिए अहरौला के पशु चिकित्सा अधिकारी के यहां कई बार पहुंच कर भैंस को देखने के लिए उनके पास पहुंचा, लेकिन ना तो डाक्टर ही पहुंचें न तो कोई स्टाफ का ही पशु के इलाज के लिए नहीं पहुंचा। उसके बाद भी बुधवार को एक दूसरी भैंस की तबीयत अचानक खराब हो गई उसके ईलाज के लिए भी हम कई बार दौड़कर राजकीय पशु चिकित्सालय पर मौजूद प्रभारी डॉक्टर से मिले और भैंस के इलाजके लिए उनसे गुहार लगाई लेकिन वह मौके पर नहीं पहुंचे, नही किसी स्टाफ को भी नहीं भेजा। पशु चिकित्सालय पर लापरवाही का आरोप लगाया लापरवाही से एक सप्ताह में दो भैंसों की मौत हो गई। पशुपालक किसान कन्हैया सिंह का कहना है कि पशु डाक्टर की लापरवाही के चलते एक सप्ताह में दो भैंस जिनकी दो लाख से ज्यादा मूल्य था आसपास के और भी पशुपालक किसान इस बात से आक्रोशित होकर राजकीय पशु चिकित्सालय पर विरोध प्रदर्शन करने लगे और खुद कन्हैया सिंह अपने कुछ पशुपालक किसानों के साथ धरने पर बैठ गए कन्हैया सिंह ने बताया कि इसकी सूचना सीवीओ को फोन से दी साथ ही मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत की है।पशुपालन किसानों का कहना है राजकीय पशु चिकित्सालय अहरौला से पशुपालक किसानों को कोई सुविधा नहीं मिलती यहां तक की समय-समय पर लगाए जाने वाला टीका भी किसानों को पैसा देकर लगवाना पड़ता है। अगर कोई पशु पालक किसान के पास कोई स्टाफ भेजा जाता है तो मेडिकल स्टोर से दवा लेनी पड़ती है और इलाज की फीस भी देनी पड़ती हैं ऐसे में राजकीय पशु चिकित्सालय का होने का क्या मतलब है। पशुपालक किसानों ने यहां के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाये और कार्रवाई की मांग की है पशुचिकित्सालय पर सुविधाजनक सेवाएं उपलब्ध करने की मांग की है इस मौके पर विनोद सिंह, नवीन सिंह, रजनीश सिंह, अजय,निखिल सिंह, प्रदीप, संदीप, प्रमोद, मृत्युंजय ,वैभव, ऋषभ,विपुल, विशाल, विनय, आदि पशुपालक किसान मौके पर मौजूद रहे।इस संबंध में अहरौला के प्रभारी पशुचिकित्साधिकारी डॉ संदीप कुमार का कहना भैंस के इलाज के लिए एक कंपाउंडर को भेजा गया था, और शाम को पुनः इंजेक्शन देने की बात कही गई थी। अहरौला में स्टाफ की भारी कमी है, दो जगह पर 3 दिन, अहरौला 3 दिन माहुल में शेड्यूल है, जो भी पशुपालक हमारे संपर्क में होते हैं, या तो मैं खुद वहां जाता हूं या स्टाफ जाता है।
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.