(अतरौलिया) आजमगढ़ । स्थानीय नगर पंचायत अतरौलिया में गुरु पूर्णिमा के पर्व पर साईं बाबा सेवा समिति के अध्यक्ष अजय कुमार जायसवाल द्वारा सांई प्रतिमा को फूल मालाओं से सजा कर, सांई आराधना किया गया। बता दे कि साईं बाबा सेवा समिति के तत्वाधान में लोगों ने गुरु पूर्णिमा पर अपने अपने घरों में बड़े ही बड़े भक्ति भाव से पूजा आराधना किया। इस दौरान लोगो ने साईं बाबा के गगनभेदी नारे लगाए तथा नगर की महिलाएं भी बड़े भक्ति भाव से अपने आराध्य की गुरु पूर्णिमा पर पूजा अर्चना किया। साईं कथा में शामिल महिलाएं पीला चंदन पीला वस्त्र धारण करके साईं के रंग में लीन रही। साई कथा के दौरान अतरौलिया बाजार की अधिकतर दुकाने बंद रही और गुरु पूर्णिमा पर साईं को ही गुरु मानकर उनकी शरण में लोग सिर झुका रहे थे । इस दौरान लोगो के घरों में शिव का तांडव तथा हनुमान जी व राम भक्ति धुन बज रही थी। साईं कथा के उपरांत सायं काल में लोगों  को प्रसाद स्वरूप साईं बाबा का लगाया गया भोग पेड़ा तथा मीठी बूंदी घर-घर विशाल भंडारे के रूप में वितरण किया जाएगा, तथा पीला चंदन का लेप लगाकर लोगों को साईं के आस्था में भी जोड़ा जाएगा। इस मौके पर नगर पंचायत अध्यक्ष सुभाष चंद्र जायसवाल, रामचंद्र जायसवाल श्री राम जायसवाल, अमित जायसवाल, भोला प्रसाद,  विजय जायसवाल, विक्की जायसवाल सहित लोग मौजूद रहे।
इसी क्रम में ऊं प्रथमदेव सिद्ध पीठ धाम तपोस्थली सन्त शिरोमणि श्री श्री बाबा मुसई दास जी महाराज के पावन आश्रम प्रथम देव अतरौलिया में गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया गया जहां पर गुरु की पूजा की गई और प्रसाद का वितरण किया गया और आश्रम के महन्त श्री प्रेमदास जी ने गुरू महिमा का महत्व बताते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा का पर्व अषाढ़ मास कि पूर्णिमा को मनाया जाता है इस दिन वेदों के रचयिता वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। गुरु पूर्णिमा पर लोंग स्नान आदि करके गुरु की पूजा करते हैं और दान पुण्य करते हैं। गुरु पूर्णिमा का पर्व सभी जीवों के लिए महत्वपूर्ण हैं गुरु का अर्थ है अन्धकार से निकालने वाला, माया को समाप्त कर देने वाला, गुरु तत्व  ही भगवत् तत्व है गुरु ही है जो हमें भगवत् प्राप्ति का रास्ता दिखाता है। श्रीमद्भागवत के 11वें स्कन्द में कहां गया है सत्संग और भक्तियोग -इन दो साधनों का एक साथ अनुष्ठान करते रहना चाहिए प्रायः इन दोनों के अतिरिक्त संसार सागर से पार होने का कोई और उपाय नहीं हैं।